हरियाणा की पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2005 के नारकोटिक्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) मामले में बरी कर दिया है।
उनकी जांच में पाया गया था कि एनडीपीएस के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति निर्दोष था और उसे कुछ अन्य लोगों ने गलत तरीके से फंसाया था। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों की जांच करते हुए नोटिस और उसके बाद की सभी कार्रवाई को रद्द कर दिया है।
अरोड़ा की अपील को स्वीकार करते हुए पीठ ने कहा, “यह स्पष्ट है कि विशेष न्यायाधीश ने प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा, “विशेष न्यायाधीश द्वारा एनडीपीएस अधिनियम की धारा 58 के तहत अपीलकर्ता (भारती) को 26 फरवरी, 2007 को जारी किया गया नोटिस और विद्वान विशेष न्यायाधीश द्वारा 30 मई, 2008 को लिखे और टाइप किए गए आदेश सहित सभी बाद की कार्यवाही को रद्द और अलग रखा जाएगा।