Farmers protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अपनी मांगों को लेकर किसान पिछले काफी लंबे वक्त से हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई थी।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए गठित उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों पर किसी भी तरह का बल प्रयोग न किया जाए।
इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से कहा कि वे किसानों से कहें कि वे शांति बनाए रखें, इसे गांधीवादी तरीके से आंदोलन को चलने दें। बता दें कि किसान आंदोलन के चलते 8 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जनहित याचिका में पंजाब में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर लगे अवरोधों को तुरंत हटाने के निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर कथित किसानों और किसान यूनियनों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है।
इतना ही नहीं, रास्तों को भी अवरुद्ध किया गया है। इस जनहित याचिका में पंजाब और हरियाणा राज्यों और भारत संघ से किसानों के विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध हटाने की मांग की गई थी। वहीं, इस आंदोलन को आज 10 महीने आज पूरे हो गए। आज शंभू और खनौरी बॉर्डरों पर बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में किसानों से पहुंचने की अपील की गई है।