Priyanka Gandhi News: संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार 13 सितंबर को बेहद खास है। सदन में संविधान के 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा हो रही है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया। इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान को लेकर बीजेपी गंभीर नहीं है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान ही हमारी आवाज है। संविधान ने चर्चा का हक दिया है। संविधान ने आम आदमी को सरकार बदलने की ताकत दी है। संविधान ने हमें लड़ने की शक्ति दी है। कहा कि जनता की मांग है जातीय जनगणना हो। संविधान न्याय की सुरक्षा का कवच है। इस दौरान प्रियंका ने सदन में उन्नाव रेप पीड़िता का मुद्दा भी उठाया।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि संभल के शोकाकुल परिवारों से कुछ लोग हमसे मिलने आए थे। उनमें दो बच्चे थे -अदनान और उजैर। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का। उनके पिता एक दर्जी थे। दर्जी का बस एक ही सपना था – कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा। पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। 17 वर्षीय अदनान ने मुझे बताया कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और उम्मीद उसके दिल में भारत के संविधान ने डाली थी। प्रियंका ने कहा कि हमारा संविधान सुरक्षा कवच है। ऐसा सुरक्षा कवच जो नागरिकों को सुरक्षित रखता है – यह न्याय का, एकता का, अभिव्यक्ति के अधिकार का कवच है।
यह दुखद है कि 10 साल में बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने इस कवच को तोड़ने की पूरी कोशिश की है। संविधान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा करता है। ये वादे सुरक्षा कवच हैं और इसे तोड़ने का काम शुरू हो गया है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए यह सरकार आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
इतना ही नहीं, प्रियंका ने कहा कि हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है। ऐसा सुरक्षा कवच जो नागरिकों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय का, एकता का, अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। यह दुखद है कि 10 साल में बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने इस कवच को तोड़ने का पूरा प्रयास किया है।