Lakshadweep Projects: मालवीद के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भले ही भारत से रिश्ता सुधार लिया है और भले ही अब भारत और मालवीद की नई सरकार के बीच संबंध अब सामान्य हो गये हैं, लेकिन ऐसा लगता है, कि मोदी सरकार ने अभी भी मोहम्मद मुइज्जू को मन से माफ नहीं किया है।
इसका सबसे बड़ा सबूत ये है, कि मोदी सरकार अब हर हाल में लक्षद्वीप को मालदीव की तरह की शानदार पर्यटन स्थल बनाने की कोशिश में जुट गई है, ताकि आने वाले कुछ में लोग मालदीव की जगह लक्षद्वीप में पर्यटकों की भीड़ लगे। न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, लक्षद्वीप की यात्रा को आसान करने के लिए और मालदीव जैसे देशों को कड़ी टक्कर देने के लिए मोदी सरकार बहुत जल्द 8 मेगाप्रोजेक्ट्स लॉंच करने जा रही है।
लक्षद्वीप के लिए 8 मेगाप्रोजेक्ट्स
पिछले साल की शुरूआत में प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था और उसी के बाद से मालदीव के कुछ मंत्रियों ने उनके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, जिससे दोनों देशों के बीच के संबंध बिगड़ गये थे। हालांकि, दोनों मंत्रियों को उस वक्त सस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन बाद में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और भारत ने बिगड़े रिश्ते को सुधारने की गंभीर कोशिशें की और रिश्ता वापस पटरी पर लौट आया।
मोहम्मद मुइज्जू ने बाद में दो बार भारत का भी दौरा किया था और दोनों बार उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी से हुई।
CNN-NEWS18 ने केंद्र सरकार के एक दस्तावेज के हवाले से बताया है, कि लक्षद्वीप के लिए 8 बड़ी परियोजनाओं को लॉंच किया जाना है। परियोजनाओं में कवरत्ती, अगत्ती और मिनिकॉय द्वीपों पर बड़े जहाजों के आने की क्षमता बढ़ाई जाएगी कल्पेनी, कदमथ और एंड्रोथ द्वीपों पर आधुनिक सुविधाओं के साथ यात्री सुविधा केंद्र सहित लैंडसाइड सुविधाओं का विकास किया जाएगा। कल्पेनी और कदमथ द्वीपों पर क्रूज जहाजों को संभालने में सक्षम ओपन जेटी का विकास किया जाएगा 303 करोड़ रुपये की पहली परियोजना पर जल्द ही काम शुरू होगा, जिसमें कदमथ द्वीप पर जेटी और लैंडसाइड का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 4 दिसंबर को टेंडर जारी किए गये हैं।
लक्षद्वीप के लिए सरकार की है ग्रैंड प्लानिंग
दरअसल, लक्षद्वीप के लिए मोदी सरकार ने शानदार प्लानिंग किए हैं और यहां एक एक मल्टीमॉडल जेटी विकसित करने की योजना बनाई गई है जो लक्षद्वीप द्वीपों में संचालित होने वाले सभी यात्री जहाजों को संभाल सके। इसका मकसद यात्रियों की सुरक्षा और उन्हें आरामदेह यात्रा का अनुभव देना है, ताकि लक्षद्वीप के तमाम द्वीपों तक आराम से यात्री आ जा सकें और कनेक्टिविटी काफी आसान हो जाए। अगर कनेक्टिविटी शानदार हो जाती है, तो पर्यटन का विकास होना काफी आसान हो जाएगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार का इरादा सभी बसे हुए लक्षद्वीप द्वीपों में बंदरगाह और शिपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना है, और पूरे साल बिना किसी बाधा के शिपिंग सेवाओं और सुरक्षित यात्री और कार्गो हैंडलिंग की अनुमति देना है। यह एक बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
मोदी सरकार का पहला प्रोजेक्ट क्या है?
पहली परियोजना में कोच्चि से लगभग 407 किलोमीटर दूर कदमथ द्वीप में पूर्वी और पश्चिमी किनारों पर जेटी, भूमि किनारे की सुविधाएं और उससे संबंधित अलग अलग सुविधाएं बनाना शामिल है। कदमथ अमिनिद्वी समूह का सबसे लंबा बसा हुआ द्वीप है, जो लक्षद्वीप द्वीपों के केंद्र में स्थित है। 3.34 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ, कदमथ 9.3 किलोमीटर लंबा और 0.57 किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र है। केन्द्र सरकार के दस्तावेज में कहा गया है, कि “कदमथ में प्रस्तावित खुली पूर्वी जेटी एक बहु-उद्देशीय जेटी है जो यात्री जहाजों के साथ-साथ क्रूज जहाजों के लिए सभी बर्थिंग आवश्यकताओं को पूरा करेगी। जेटी की लंबाई 360 मीटर है, ताकि क्रूज जहाजों को भी ऑपरेट किया जा सके।” इस परियोजना की लागत 303 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा, यहां पर वर्ल्ड स्टैंडर्ड का एक वेटिंग एरिया का भी निर्माण किया जाएगा, जहां कई अलग अलग टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा।
लक्षद्वीप के लिए और प्रोजेक्ट्स क्या हैं?
पूर्वी और पश्चिमी दोनों तरफ आधुनिक सुविधाओं से युक्त यात्री सुविधा केंद्र, कल्पेनी, कदमथ और अंद्रोथ में कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लॉंच किए जाएंगे। बड़े जहाजों को संभालने के लिए कवरत्ती, अगत्ती और मिनिकॉय द्वीपों में मौजूदा पूर्वी जेटी का विस्तार किया जाएगा। कलपेनी और कदमथ में क्रूज जहाजों को भी संभालने में सक्षम खुली पूर्वी जेटी का विकास कलपेनी और कदमथ द्वीपों में पश्चिमी जेटी का विकास एंड्रोथ ब्रेकवाटर का नवीनीकरण और विस्तार एंड्रोथ में मल्टीमॉडल जेटी और नौसेना जेटी का विकास कलपेनी, कदमथ और एंड्रोथ में स्लिपवे और संबंधित सुविधाओं का विकास रिपोर्ट के मुताबिक, लक्षद्वीप में विकास के ये कार्यक्राम सागरमाला प्रोजेक्ट और केन्द्र सरकार की तरफ से लक्षद्वीप के लिए आंतरिक कोष से फंड देकर किए जाएंगे। कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण तकनीकी सहायता परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में काम कर रहा है, जबकि चेन्नई स्थित एससिस्टम इंडिया लिमिटेड ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है।
लक्षद्वीप ले सकता है भविष्य में मालदीव की जगह लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह है, जिसमें कोरल द्वीप और चट्टानें हैं, जो भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है। ये सुंदर और प्रदूषण रहित द्वीप लगभग 32 वर्ग किलोमीटर के कुल भूमि क्षेत्र में फैले हैं, जो लगभग 4,200 वर्ग किलोमीटर के प्रादेशिक समुद्री क्षेत्र से घिरे हैं। लक्षद्वीप द्वीप में 10 बसे हुए द्वीप, 17 निर्जन द्वीप, कई जुड़े हुए द्वीप, चार नए बने हुए द्वीप और पांच डूबी हुई चट्टानें हैं। वे केरल के पश्चिमी तट से 220 से 440 किलोमीटर की दूरी पर अरब सागर में फैले हुए हैं।