Bangladesh Hindu: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ आतंक लगातार जारी है और मंगलवार को चटगांव में तीन हिंदू मंदिरों को फिर से निशाना बनाया गया है। जिन मंदिरों पर हमले किए गये हैं, उनमें फिरंगी बाजार में लोकनाथ मंदिर, मनसा माता मंदिर और हजारी लेन में काली माता मंदिर शामिल हैं।
मंदिरों पर हुए हमले से साफ पता चलता है, कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चलने वाली अंतरिम सरकार के शासन में इस्लामिक कट्टरपंथी बेकाबू हो चुके हैं और देश से हिंदुओं के सफाए की मुहिम चलाई जा रही है। 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद देश में हिंदुओं के खिलाफ एक तरह से ‘नरसंहार’ चलाया जा रहा है।
हाल ही में हुए ये विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए, जब हिंदुओं ने इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा संगठित हमलों के जवाब में बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करना शुरू किए। विरोध प्रदर्शन उनके सामाजिक और धार्मिक संगठन, मुख्य रूप से इस्कॉन द्वारा आयोजित किए गए थे, जिसके अनुयायी दुनिया भर में फैले हुए हैं। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए, प्रमुख हिंदू नेता और इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला
बांग्लादेश की सेना ने बांग्लादेश के ठाकुरगांव में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला किया, जो प्रदर्शनकारी चिन्मयानंद दास की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच, इस्कॉन बांग्लादेश ने अपने नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा की है और कहा है, कि वे बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्रों में सनातनियों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हैं। बांग्लादेशी सुरक्षा बलों और हिंदू नेता चिन्मय दास के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में एक सरकारी वकील की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए हैं। चटगांव कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर जेल भेज दिया है। ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित की पहचान सैफुल इस्लाम के रूप में हुई है, जो 35 वर्षीय सहायक सरकारी वकील और चटगांव जिला बार एसोसिएशन का सदस्य था।