अर्जुन चौटाला ने अपने संबोधन पर कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा में कई विरोधाभास बातें कही गई हैं सबसे पहले पारा 6 माननीय राज्यपाल महोदय ने एंटी करप्शन पॉलिसी का जिक्र किया और पारा 8 में नीति, नीयत, निष्ठा और निर्णय के बारे में जिक्र किया। लेकिन क्या भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाने के लिए पुरानी जो सरकारें थी उनके कार्यकाल में किए गए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है? इनेलो पार्टी ने जब मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने थे तब कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की एक चार्जशीट सौंपी थी। उस चार्जशीट पर भी बीजेपी सरकार को कार्रवाई करके एक मिसाल कायम करनी चाहिए। अर्जुन चौटाला ने कहा कि अशोक अरोड़ा भी उनकी बात से जरूर सहमत होंगे क्योंकि उस चार्जशीट को बनाने वाले भी अशोक अरोड़ा ही थे जिसमें कांग्रेस के भ्रष्टाचार का पूरा ब्यौरा दिया गया था। जब कार्रवाई करनी है तो पिछले बीस साल में जितना भ्रष्टाचार हुआ हुआ है उन सभी पर कार्रवाई की जानी चाहिए। यह सीएजी की रिपोर्ट में भी खुलासा किया गया था कि कांग्रेस के समय स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी को जो जमीन अलॉट की गई थी उस पर रास्ता भी नहीं था। रातों रात रास्ता बनाया गया जिससे उसके दाम बेतहाशा बढ़ गए और हरियाणा सरकार को 44 करोड़ का नुकसान हुआ था।
अर्जुन चौटाला ने रानियां हलके में पीने के पानी का अहम मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में पीने के पानी की बहुत कमी है और 38 से ज्यादा गांव हैं जहां पीने का पानी नहीं है और वहां ट्यूबवेल के माध्यम से पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है और ट्यूबवेल का पानी लगभग जहरीला हो चुका है जिसकी वजह से कैंसर के केस भी बहुत बढ़ गए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण औद्योगिक प्रदूषण है। जैसे सरकार ने किसानों पर पराली जलाने पर 2 साल का बैन लगाया गया है वैसे ही औद्योगिक प्रदूषण फैलाने पर उद्योगों पर भी 2 साल का बैन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि रानियां हलके में नहरी पानी का प्रबंध किया जाए।