Kangana Ranaut: अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्हें आगरा अदालत ने नोटिस जारी करने के आदेश दिए, ताकि वह अपना पक्ष रख सकें। कंगना के खिलाफ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए में वाद दायर किया गया था। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को निर्धारित की है।
कंगना रनौत को कोर्ट ने क्यों भेजा नोटिस?
राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर को कंगना रनौत के खिलाफ अदालत में परिवाद दाखिल किया था। इसमें आरोप लगाया गया कि भाजपा सांसद कंगना रनौत ने 26 अगस्त 2024 को एक बयान में किसानों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी, जो उनके और लाखों किसानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली थी। प्रार्थी ने कहा कि वह खुद किसान परिवार से हैं और इस बयान से आहत हुए हैं। इसके बाद 31 अगस्त को पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा में शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की गई थी।
मंगलवार को प्रार्थी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया, रामदत्त दिवाकर आदि ने अदालत में अपनी दलीलें पेश की और कंगना रनौत से कोर्ट में अपना पक्ष रखने की मांग की। रमाशंकर शर्मा ने बताया कि उन्हें नोटिस भेजा गया है। प्रार्थी ने बताया कि इस मामले में गवाह राजेंद्र गुप्ता और अजय किशोर सागर के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं। कंगना रनौत के बयान में उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
क्या है पूरा मामला?
कंगना रनौत ने अपने बयान में कहा था कि दूसरा गाल आगे करना आजादी पाने के बजाय भीख मांगने के समान है। उन्होंने दावा किया कि भारत को आजादी साल 2014 के बाद मिली है। वहीं, किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर उन्होंने खालिस्तानी आतंकवादियों की संलिप्तता का आरोप लगाया।