बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ‘अपने ग्राहक को जानें’ (Know Your Customer यानी KYC) नियमों में बदलाव किया है। केंद्रीय बैंक ने KYC से जुड़े 6 नियम बदल दिए हैं, जो तुरंत प्रभाव से लागू हो चुके हैं।
RBI ने बुधवार 6 नवंबर को एक सर्कुलर जारी कर इसकी घोषणा की। KYC प्रक्रिया के तहत कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों की पहचान की जांच करता है। इस बदलाव का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग नियमों में हाल के संशोधनों के अनुरूप मौजूदा दिशा-निर्देशों को बदलाव करना है। मास्टर डायरेक्शन Know Your Customer (KYC) निर्देश, 2016 में संशोधन के अनुसार, रेगुलेटेड एंटिटीज़ (REs) को यूनिक कस्टमर आइडेंटिफिकेशन कोड (UCIC) स्तर पर कस्टमर ड्यू डिलिजेंस (CDD) लागू करना होगा।
इसमें कहा गया है कि यदि किसी आरई का मौजूदा KYC ग्राहक दूसरा खाता खोलना चाहता है या उससे कोई अन्य प्रोडक्ट या सर्विस लेना चाहता है, तो ग्राहक की पहचान के संबंध में नए CDD की आवश्यकता नहीं होगी।
तत्काल प्रभाव से लागू
रिजर्व बैंक द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि मास्टर निर्देश में संशोधित प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। CDD प्रक्रिया और KYC सूचना को केंद्रीय KYC रिकॉर्ड रजिस्ट्री (CKYCR) के साथ साझा करने के संबंध में भी संशोधन किए गए हैं। आरबीआई ने कहा, ‘जब भी कोई आरई किसी ग्राहक से अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करता है, तो वह सात दिनों के भीतर या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित समय सीमा के भीतर CKYCR को जानकारी प्रदान करेगा, जिससे CKYCR में मौजूदा ग्राहक के KYC रिकॉर्ड को अपडेट किया जा सके।’
क्या होता है KYC
KYC का मतलब Know Your Customer है। यह एक प्रकार की कस्टमर आइडेंटिफिकेशन प्रक्रिया है। इसके अंतर्गत ग्राहक फॉर्म के साथ सभी महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट और वोटर कार्ड की फोटो कॉपी जमा करते हैं। सभी कंपनियां ग्राहक संबंधी जानकारी इसके जरिए जुटाती हैं ताकि किसी दुर्घटना के समय उस व्यक्ति की पहचान की जा सके। KYC प्रक्रिया आमतौर पर बैंक या सर्विस प्रोवाइडर द्वारा इस उद्देश्य से करवाई जाती है कि यह सुनिश्चित हो सके कि ग्राहक किसी आतंकवादी फंडिंग या अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल नहीं है।’