झारखंड विधानसभा चुनाव की लड़ाई आदिवासी मुख्यमंत्री पर आ गई है. इंडिया गठबंधन जहां आदिवासी सीएम की बात करता आया तो पीएम मोदी ने भी इशारों-इशारों में राज्य में आदिवासी सीएम बनाने का संकेत दिया है.
पीएम मोदी ने चाईबासा की चुनावी सभा में कहा कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ में BJP की सरकार बनी. दोनों राज्यों की कमान आदिवासी नेताओं को सौंपी गई. पीएम ने इसके आगे तो कुछ नहीं कहा. लेकिन उनके इस बयान से सियासी हलकों में चर्चा शुरू हो गई कि क्या ओडिशा और छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में भी BJP की सरकार बनने पर किसी आदिवासी नेता को CM की कुर्सी सौंपी जा सकती है. बीजेपी अगर ऐसा करती है तो वो 2014 की ऐतिहासिक चाल को बदल देगी, क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी ने रघुबर दास के रूप में पहली बार राज्य को गैर आदिवासी सीएम दिया था.
सीएम सोरेन भी दे चुके हैं बयान
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि आदिवासी राज्य पर शासन करेंगे क्योंकि यह उनका है. उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हमने अलग झारखंड राज्य के लिए लड़ाई लड़ी और हम अपने अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए भी लड़ेंगे. आदिवासी यहां शासन करेंगे क्योंकि झारखंड आदिवासियों का है.
2011 की जनगणना के अनुसार, झारखंड की कुल जनसंख्या 32,988,134 है. इनमें से 26.21 प्रतिशत (8,645,042) आदिवासी हैं. रघुबर दास को छोड़कर राज्य के सभी मुख्यमंत्री अब तक आदिवासी समुदाय से रहे हैं.
खरगे ने भी आदिवासी सीएम का मुद्दा उठाया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी आदिवासी सीएम का मुद्दा उठा चुके हैं. उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी का मकसद किसी न किसी हालत में झारखंड को छीनकर सत्ता पर काबिज होना और आदिवासी मुख्यमंत्री को हटाना है. पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री केवल झूठ बोलते हैं, वह ओबीसी, एससी, एसटी और आदिवासियों की बात करते हैं लेकिन जब सोरेन सरकार ने 2022 में ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27%, एससी के लिए 10-12% और एसटी के लिए 26-28% कर दिया, तो यह अभी भी वहीं पड़ा हुआ है. मोदीजी, अगर आप ओबीसी, एससी, एसटी और आदिवासियों के हमदर्द हैं तो आपने इसे पास क्यों नहीं किया?