नेशनल डेस्क: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने छठ पूजा के अवसर पर 7 नवंबर 2024 को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। यह निर्णय मुख्यमंत्री आतिशी ने लिया है, जिन्होंने मुख्य सचिव को इस संबंध में एक पत्र लिखकर औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।
उपराज्यपाल का पत्र इससे पहले, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम आतिशी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने 7 नवंबर को छठ पूजा के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया था। पत्र में उन्होंने लिखा कि छठ पूजा एक महापर्व है, जिसे चार दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान तीसरा दिन, यानी 7 नवंबर, जब सूर्य को ‘अर्घ्य’ दिया जाता है, विशेष महत्व रखता है। छठ पूजा का महत्व छठ पूजा विशेष रूप से बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह पर्व सूर्य देवता और पूर्वजों की पूजा का प्रतीक है। भक्त इस पर्व को मनाने के लिए विशेष तैयारियाँ करते हैं, जिसमें व्रत, उपवास और पूजा-अर्चना शामिल होती है। पर्व की चार दिवसीय अनुष्ठान 1. पहला दिन – नहाय-खाय: इस दिन भक्त पवित्रता का ध्यान रखते हुए नदियों या जल स्रोतों में स्नान करते हैं और विशेष भोजन का सेवन करते हैं। 2. दूसरा दिन – खरना: इस दिन, दिनभर उपवास रखने के बाद, शाम को एक विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसमें गुड़, चावल और दूध का उपयोग किया जाता है। 3. तीसरा दिन – अर्घ्य: यह दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। भक्त सूर्यास्त के समय सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, जो उनकी आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है। 4. चौथा दिन – उषा का स्वागत: इस दिन सुबह सूर्योदय के समय सूर्य देव का स्वागत किया जाता है और पूजा के साथ पर्व का समापन होता है।
सरकारी निर्णय का स्वागत सीएम आतिशी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस निर्णय की जानकारी साझा करते हुए लिखा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि 7 नवंबर को छठ पूजा के अवसर पर छुट्टी होगी, ताकि सभी पूर्वांचली भाई-बहन इस पर्व को धूमधाम से मना सकें।” इस निर्णय से छठ पूजा मनाने वाले भक्तों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि अब वे बिना किसी चिंता के अपने धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले सकेंगे। सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक छठ पूजा न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी प्रतीक है। भक्त जल स्रोतों में खड़े होकर सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं, जो प्राकृतिक संतुलन की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है।
समाज में एकता का संदेश दिल्ली सरकार का यह कदम न केवल भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में एकजुटता और सांस्कृतिक धरोहर को भी बढ़ावा देता है। सरकार ने पहले इस पर्व को प्रतिबंधित छुट्टियों की सूची में रखा था, लेकिन अब इसे सार्वजनिक अवकाश के रूप में मान्यता देकर भक्तों की भावनाओं का सम्मान किया है। अवकाश की तैयारी छठ पूजा के दौरान, दिल्ली में कई धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। शहर के विभिन्न घाटों और पंडालों को विशेष रूप से सजाया जाता है, जहां भक्त अपने परिवार के साथ पूजा-अर्चना करते हैं।