कर्नाटक का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ कई तरह की गारंटी स्कीम लॉन्च की गई थी। राज्य की जनता से पांच तरह की सुविधाएं फ्री में देने का ऐलान किया गया था। प्रदेश की जनता ने भरोसा जताया और कांग्रेस की सरकार बनी।
इसी से गदगद होकर देश की सबसे पुरानी पार्टी ने महाराष्ट्र में भी पांच गारंटी वहां के मतदाताओं को दी है, जो आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। हालांकि, कर्नाटक की 5 गारंटी स्कीम कांग्रेस के लिए भारी पड़ रही है। उनमें शामिल शक्ति कार्यक्रम को समाप्त करने के बारे में सरकार विचार कर रही थी।
इस विवाद को देखते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी ही सरकार की खिंचाई की है। उन्होंने कहा कि इतना ही वादा जनता से की जानी चाहिए, जो हमारे लिए पूरा करना संभव हो। इसके बाद कांग्रेस सरकार को यह स्पष्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि प्रमुख ‘गारंटी’ योजनाओं को समाप्त नहीं किया जाएगा।
खरगे ने गुरुवार को उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की इस बात के लिए खिंचाई की कि लोकप्रिय ‘शक्ति’ कार्यक्रम पर फिर से विचार किया जाएगा। खरगे ने कहा, “आपकी पांच गारंटियों को देखते हुए, मैंने महाराष्ट्र में पांच योजनाओं की घोषणा की है। लेकिन आपने कहा है कि एक गारंटी को समाप्त कर दिया जाएगा।”
इससे पहले बुधवार को डीके शिवकुमार ने कहा था कि सरकार महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की ‘शक्ति’ योजना पर पुनर्विचार करेगी क्योंकि उनमें से कुछ अपनी टिकट के लिए भुगतान करना चाहती हैं। खरगे की खिंचाई के बाद सफाई देते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, “मैंने ऐसा नहीं कहा है।” इसपर खरगे ने पलटवार करते हुए कहा, “आप अखबार नहीं पढ़ रहे हैं।”
यह देख मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया कि उनके डिप्टी का मतलब यह कहना था कि योजना में संशोधन किया जाएगा। इस जवाब से भी खरगे खुश नहीं हुए। उन्होंने कहा, “संशोधन कहकर आपने संदेह पैदा कर दिया है। जो लोग आलोचना करना चाहते हैं, उनके लिए यह काफी है।”
खरगे ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस से वित्त के आधार पर गारंटी की योजना बनाने को कहा है। उन्होंने कहा, “मैंने कहा है कि उन्हें 5, 6, 10 या 20 गारंटी की घोषणा नहीं करनी चाहिए। उन्हें बजट के आधार पर घोषित किया जाना चाहिए। अन्यथा दिवालियापन हो जाएगा। अगर सड़कों के लिए पैसे नहीं हैं तो हर कोई आपके खिलाफ हो जाएगा।”
खरगे ने कहा कि राहुल गांधी इस बात पर विशेष ध्यान देते हैं कि महाराष्ट्र में पार्टी के ‘गारंटी’ वादे यथार्थवादी होने चाहिए। उन्होंने कहा, “उन्होंने कहा है कि बजट देखने से पहले वे कोई घोषणा नहीं करेंगे। करीब 15 दिन पहले हमें रिपोर्ट मिली है और हम नागपुर या मुंबई में इसकी घोषणा करेंगे।”
उन्होंने कहा, “अगर यह सरकार विफल होती है तो आने वाली पीढ़ी के पास बदनामी के अलावा कुछ नहीं बचेगा। उन्हें 10 साल तक निर्वासन में रहना होगा।”
इसके बाद डीके शिवकुमार ने भी स्पष्ट किया कि पांचों गारंटियों में से किसी को भी रोका या समीक्षा नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “मैंने कहा कि कुछ निजी कंपनी के कर्मचारियों को परिवहन भत्ता मिल रहा है और उन्होंने टिकट के लिए भुगतान करने के लिए स्वेच्छा से आगे आए हैं। अगर कोई टिकट के लिए भुगतान करना चाहता है तो हम उसे कैसे मजबूर कर सकते हैं?” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस आह्वान का भी उदाहरण दिया जिसमें उन्होंने नागरिकों से कहा था कि अगर उन्हें इसकी जरूरत नहीं है तो वे गैस सिलेंडर सब्सिडी छोड़ दें।