किसी भी मिशन को सफल बनाने में बेहतर योजना और संसाधन की जरूरत होती है, देश की सत्ता संभालते ही पीएम मोदी ने अपने हाथों में झाड़ू उठाकर भारत को स्वच्छ बनाने का सपना बुना था। लोगों को रोजगार के नए अवसर देने के खातिर सरकार ने कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की।
छोटे-छोटे कारीगरों की योग्यताओं को नया मंच देने की कोशिशें शुरू हुईं। रतन ब्रूम एक ऐसी कंपनी है, जो पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के साथ-साथ लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर रही है।
कारीगरों की जिंदगी बदल रही है ये कंपनी
स्वच्छ भारत मिशन को चार चांद लगाने के लिए देश बड़े-बड़े दिग्गजों के हाथों में सभी ने झाड़ू देखा। नेता हो या अधिकारी, लोगों में जागरुकता की ज्वाला देखने को मिली। रतन ब्रूम कि भारत में एक ऐसी झाड़ू कंपनी है, जो न सिर्फ स्वच्छता मिशन में अपना योगदान दे रही है बल्कि अपनी इकाइयों के जरिए झाड़ू निर्माण में लगे कारीगरों मुख्यता महिलाओं को रोजगार प्रदान कर उनकी भी जिंदगी बदल रही है।
कभी इस व्यवसाय में आने से डरते थे दिग्गज व्यवसायी
एक वक्त ऐसा था कि कोई भी व्यवसायी इस सेक्टर में अपना कदम बढ़ाने से डरता था क्योंकि यह व्यवसाय हस्तनिर्मित और श्रम आधारित है, लेकिन साल 2011 में नई दिल्ली में स्थापित, रतन ब्रूम्स प्रोडक्ट्स को कंपनी के कुशल नेतृत्व में भागवत शर्मा ने कई वर्षों की कड़ी मेहनत से भारतीय बाजार में अपना नाम बनाया है। रतन ब्रूम कंपनी ने भारतीय बाजार में स्वच्छता उत्पादों की एक नई रेंज (खासकर फूल झाड़ू) लॉन्च की है, जो न केवल किफायती है बल्कि पर्यावरण के अनुकूल एवं उपयोग में भी बेहद प्रभावी है।
बदल रही है किसानों की जिंदगी, जानिए कैसे
उत्पादों की बात की जाए तो ये कंपनी फूल झाड़ू, नारियल झाड़ू, नॉन-डस्ट झाड़ू के साथ ही फ्लोर वाइपर एवं किचन क्लॉथ का निर्माण भी करती है। इसके उत्पादों की काफी प्रशंसा देखने को मिलती है। दिल्ली सहित उसके आस पास के राज्यों में इस कंपनी के प्रोडक्ट्स को बेहद पसंद किया जा रहा है। कंपनी अपनी झाड़ू में मिजोरम घास और शिलांग घास का मुख्यता प्रयोग करती है जो कि काफी लंबे समय तक उपयोग में आती है, इसके साथ ही रतन ब्रूम मिजोरम और मेघालय के किसानों की मदद से घास खरीदकर उन किसानों की भी आर्थिक मदद कर रही है।
स्वच्छ भारत मिशन के साथ-साथ महिलाओं के लिए नया अवसर पैदा हो रहे हैं, साथ ही किसानों की आमदनी में इजाफा हो रहा है। भागवत शर्मा इन सभी दृष्टिकोण से इसे स्थापित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। स्वच्छता का अर्थ केवल सफाई नहीं, बल्कि एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवनशैली भी है।