देश में आम चुनाव 2024 के बाद सारी नज़रें कई राज्यों के विधानसभा चुनाव पर थीं. जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं.
इसके बाद महाराष्ट्र के चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई हैं.
इस साल हुए लोकसभा चुनाव को एक तरह से राज्य में हुए सियासी गठबंधनों का लिटमस टेस्ट माना जा रहा था.
महा विकास अघाड़ी का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में अच्छा रहा. लोगों ने देखा कि उद्धव ठाकरे वाले शिवसेना गुट, कांग्रेस और शरद पवार वाले एनसीपी गुट की महा विकास अघाड़ी को 30 तथा भाजपा, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना और अजित पवार वाली एनसीपी की महायुति को 17 सीटें मिलीं. यानी जनता ने अपना झुकाव महा विकास अघाड़ी की ओर दिखाया.
हालांकि, हाल ही में हरियाणा में कांग्रेस की हार और बीजेपी की लगातार तीसरी बार सरकार बनने के बाद इस गठबंधन को थोड़ा झटका तो ज़रूर लगा है.
हरियाणा के परिणाम को महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुती या नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के लिए ऊर्जा बढ़ाने वाला बताया जा रहा है.
महाराष्ट्र में सीधा मुक़ाबला महायुती और महा विकास अघाड़ी के बीच है. विचारधारा के हिसाब से देखें तो ये गठबंधन महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक इतिहास का सबसे अप्रत्याशित गठबंधन जान पड़ता है.