नई दिल्ली : 2014 लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने बार-बार अपने भाषणों में नॉर्थ-ईस्ट का जिक्र किया। आज नॉर्थ-ईस्ट के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघायल और नगालैंड के नतीजे सामने आ रहे हैं। अभी तक मिले रुझानों से साफ है कि बीजेपी त्रिपुरा में भारी बहुमत के साथ अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है। नागालैंड वह सहयोगी पार्टियों के साथ सत्ता पाने में कामयाब हो सकती है, जबकि मेघायल में पेंच फंसा हुआ दिख रहा है।
यहां बाजी किसी भी तरफ जा सकती है, क्योंकि पूरा खेल ‘अन्य’ पर निर्भर है। कुल मिलाकर मोदी-शाह की जोड़ी ने ‘कांग्रेस मुक्त’ अभियान के साथ लेफ्ट का किला (त्रिपुरा) भी ढहा दिया है। नॉर्थ ईस्ट की बात करें तो असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पहले से बीजेपी की सरकार है। त्रिपुरा में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का रास्ता एकदम साफ है, जबकि नगालैंड में वह गठबंधन सरकार बना सकती। ऐसे में नॉर्थ ईस्ट के केवल एक राज्य मिजोरम में कांग्रेस की सरकार बची है और आज नतीजे आने के बाद वह मेघायल में सरकार बना सकती है। हालांकि,मौजूदा रुझानों को देखकर लगता है कि यहां भी कांग्रेस की राह आसान नहीं है। 2019 आम चुनाव से पहले बीजेपी को मिली जीत की इस खुराक से मोदी-शाह की जोड़ी का काम काफी अासान हो गया है।
2019 से पहले बीजेपी को जीत की बड़ी खुराक
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुंगावली और कोलारस विधानसभा चुनाव उपचुनाव में बीजेपी को करारी का हार का सामना पड़ा। इससे पहले राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी शिकस्त देखनी पड़ी। इसी प्रकार से पंजाब में पार्टी को निराशा ही हाथ लगी। उपचुनावों में एक के बाद एक खराब प्रदर्शन के बाद नॉर्थ-ईस्ट से आई जीत की खबर ने मोदी-शाह के साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी उत्साह भरने का काम किया है। निश्चित तौर पर जीत की इस खुराक से बीजेपी को 2019 के आम चुनाव की तैयारी करने में काफी बल मिलेगा। त्रिपुरा और नगालैंड में पार्टी के प्रदर्शन से लोकसभा चुनावों में बीजेपी को नॉर्थ-ईस्ट में सीटें बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
ब्रांड मोदी और मोदी लहर अब भी बरकरार
2014 लोकसभा चुनाव और उसके बाद बीजेपी ने जितने भी चुनावों में उतरी, उनमें चेहरा सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी रहे। बिहार, दिल्ली और पंजाब विधानसभा में ब्रांड मोदी का असर भले ही न दिखा हो, लेकिन मोदी के चेहरे के नाम पर पार्टी कई ऐसे राज्यों में फतह हासिल की, जहां बीजेपी वर्षों से अपने दम पर सत्ता पाने में नाकामयाब रही थी। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड ऐसे राज्य हैं, जहां मोदी का चेहरा सामने आते ही बीजेपी के अच्छे दिन आ गए। इसके बाद उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों में बीजेपी सत्ता में आई। हालांकि, पिछले कुछ समय से उपचुनावों में बीजेपी को हार पर हार नसीब हो रही थी, लेकिन नॉर्थ ईस्ट की जीत ने साबित कर दिया है कि ब्रांड मोदी में अब दम है।
बीजेपी अब अकेली राष्ट्रीय पार्टी
2014 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मोदी-शाह ने कांग्रेस मुक्त भारत का जो नारा दिया था, उसे दोनों ने काफी हद तक जमीन पर उतार दिया है। कांग्रेस अब सिर्फ दो बड़े राज्यों में सत्ता पर काबिज है- पंजाब और कर्नाटक। हालांकि, मिजोरम, पुड्डुचेरी में भी उसकी सरकार है और संभव है कि मेघायल में भी कांग्रेस सहयोगियों या अन्य की मदद से सत्ता पर काबिज हो जाए। लेकिन देश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी पार्टी का ऐसा हश्र होगा, किसी ने सपने में भी सोचा नहीं होगा। अब तो कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी होने पर भी सवालिया निशान लग गया है। ऐसे में कहना गलत न होगा कि बीजेपी इस समय देश की इकलौती राष्ट्रीय पार्टी है।