लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक चुनावी रैली में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratistha) के अनुष्ठान को लेकर सवाल खड़े कि हैं। उन्होंने कहा है कि आयोध्या में 22 जनवरी 2024 को श्री राम जन्मभूमि में हुआ अनुष्ठान धार्मिक नहीं बल्कि एक डांस पार्टी था। उन्होंने हरियाणा में एक चुनावी रैली के दौरान बीजेपी को निशाने पर लेते हुए लोकसभा चुनाव में फैजाबाद संसदीय सीट ने बीजेपी की हार की वजह बताई। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को जनता ने नकार दिया है। इस पार्टी को मंदिर के नाम पर अब वोट नहीं मिलेगा। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नाच गाना चला, प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे थे।
राहुल गांधी इन दिनों चुनावी राज्यों के दौरे पर हैं। शनिवार को हरियाणा में एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस नेता ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने एक बार फिर एनडीए सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को नाच गाना का कार्यक्रम तक बता डाला। कांग्रेस दिग्गज के इस बयान से संत समाज समेत राम मंदिर समर्थकों के एक बड़े ग्रुप में नाराजगी है। उनका कहना है राजनीतिक बयानबाजी से राम मंदिर मंदिर को दूर रखना चाहिए।
दरअसल, हरियाणा में राहुल गांधी ने कहा कि किसी भी दल को जाति या फिर धर्म के नाम पर लंबे समय तक वोट नहीं मिल सकता। मंच ने राहुल गांधी ने अयोध्या में बीजेपी के हार का जिक्र किया। उन्होंने काह कि बीजेपी राम मंदिर के नाम पर तो वोट लेना चाहती है, लेकिन जब असर आते हैं तो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा जैसे कार्यक्रमों में अंबानी, अडानी, अमिताभ बच्चन जैसे लोगों को बुलाया जाता और किसान, या फिर अन्य वर्ग के लोगों को दरकिनार किया जाता है।
राहुल गांधी ने कहा,”…अयोध्या में बीजेपी क्यों हारी? बीजेपी को जनता ने नकार दिया। राम मंदिर के नाम पर वोट लेने चाहते थे, मगर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में एक मजदूर नहीं दिखा,बड़ही, किसान कोई नहीं दिखा। बस बीजेपी ने अडानी, अंबानी, अमिताभ बच्चन को बुला लिया। प्राण प्रतिष्ठा में नाच गाना चला, प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे थे। ये बीजेपी की रियलिटी है।”
भड़के अयोध्या के संत
हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने लोकसभा नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इसका विरोध और निंदा करते हैं। मुझे लगता है कि राहुल गांधी पागल हो गए हैं। उन्हें पागलखाने में भर्ती कराया जाना चाहिए। 500 साल लंबे संघर्ष में लाखों राम भक्तों ने अपनी जान दी और सनातन को राम मंदिर का निर्माण पच नहीं रहा है…राहुल गांधी बिल्कुल पागल हैं और उनका जो मन करता है वो बोलते रहते हैं…।”
जबकि जगद्दगुरू राम निदेशाचार्य ने कहा है कि एक बड़ी पार्टी के नेता जो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, उनके द्वारा अगर इस तरह के बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इससे पहले भी राम मंदिर को लेकर कांग्रेस की ओर कई ऐसे बयान आए, जिससे साफ हो गाया कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस का शामिल ना होना इसका उदाहरण है। लेकिन अब कांग्रेस नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वो इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है।
हिंदू धर्म का अपमान करना कांग्रेस, राहुल गांधी की आदत: बीजेपी
वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि हिंदू धर्म का अपमान करना कांग्रेस की आदत बन गई है। बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा, “जब हिंदू धर्म का अपमान करने की बात आती है तो राहुल गांधी बार-बार घृणित अपराध करते हैं। जैसा कि हमने देखा है, राहुल गांधी कभी भी कोई मौका नहीं गंवाते हैं…हिंदू धर्म और हमारे हिंदू धर्म का पालन करने वाले लाखों भक्तों को नीचा दिखाना, अपमानित करना और अपमानित करना, कांग्रेस का इतिहास रहा है। यह हिंदू भावनाओं या हिंदू धर्म के खिलाफ उनका पहला बयान नहीं है। इससे पहले राहुल गांधी ने सिंगोल का भी मजाक उड़ाया था। यह राहुल गांधी और कांग्रेस की कट्टर मानसिकता है…।”
सनातन धर्म अनुयायियों की भावनाएं आहत: नलिन कोहली
बीजेपी नेता नलिन कोहली ने राहुल गांधी के बयान को बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ऐसे बयानों से दुनिया भर के करोड़ों सनातन धर्म अनुयायियों और हिंदुओं की भावनाएं आहत होंगी…राहुल गांधी के बयान से मैं स्तब्ध हूं…कांग्रेस पार्टी भगवान राम की इतनी विरोधी क्यों है? कांग्रेस पार्टी का कोई भी वरिष्ठ व्यक्ति इसमें शामिल नहीं हुआ… यूपीए ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे में कहा कि भगवान राम एक काल्पनिक व्यक्ति हैं… अयोध्या आंदोलन से जुड़ी हर चीज पर हमेशा हमला किया है… कांग्रेस पार्टी के एक सहयोगी ने सनातन धर्म को एक बीमारी कहा… इस तरह के बयान से वे स्पष्ट संदेश दे रहे हैं कि उन्हें भगवान राम में कोई आस्था नहीं है और वोटों की खातिर, वे भगवान राम के मंदिर के अभिषेक जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को भी नृत्य कार्यक्रम बता सकते हैं।”