चंडीगढ़ : हरियाणा में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों से जुड़े मौजूदा आपराधिक कानूनों को मौत की सजा समेत सजा में वृद्धि करके और अधिक सख्त बनाया गया है ताकि अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सके। यह निर्णय हरियाणा कैबिनेट की बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गए।
हरियाणा कैबिनेट का आयोजन मंगलवार को चंडीगढ़ में किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता बैठक में कई एहम फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने पत्रकारों को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान कृष्ण बेदी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए बैठक में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376ए, 376डी, 354, 354डी(2) जैसे कानूनों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। बारह वर्ष तक की आयु की महिला के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के मामले में मृत्यु की सजा या कम से कम 14 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा हो सकती है जो आजीवन कारावास अवधि तक बढ़ाई जा सकती है। बैठक में कॉन्सटेबल और सब इंस्पेक्टर की सीधी भर्ती के मामले में अतिरिक्त योग्यता (10 प्रतिशत वेटेज) और विविध (10 प्रतिशत वेटेज) को शामिल करने और साक्षात्कार समाप्त करने के लिए पंजाब पुलिस नियमों, 1934 के नियम 12.16 में संशोधन करने के गृह विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।