चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में समाज के सभी वर्गों के लिए समानता और न्याय को सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा समूह डी कर्मचारी (सेवा की शर्तें) विधेयक, 2018 के एक मसौदे को स्वीकृति प्रदान की गई।
नया विधेयक इस लिए जरूरी है क्योंकि वर्तमान में ग्रुप डी पदों पर चयन और नियुक्ति संबंधित विभागों के सेवा नियमों द्वारा संचालित होती है। विभिन्न विभागों ने समूह डी पदों की उम्र और शैक्षिक योग्यता के लिए विभिन्न मानदंड तैयार किए हैं, जो उम्मीदवारों, विशेषकर पिछड़ी वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों पर बहुत अधिक असुविधा और वित्तीय बोझ डालते हैं। नया विधेयक उम्मीदवारों के चयन में सामान्य न्यूनतम आयु और शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, ग्रुप डी के पदों के मामले में सरकार साक्षात्कार को खत्म कर देगी।
अधिनियमित किए जाने पर, अधिनियम को हरियाणा ग्रुप डी सरकारी कर्मचारी (सेवा की शर्तों) अधिनियम, 2016 के रूप में जाना जाएगा। यह राज्य और अधीनस्थ सेवाओं में अस्थायी या स्थायी सभी पदों के धारकों पर लागू होगा।
शैक्षणिक योग्यता के पहले कार्यक्रम के अनुसार स्वीपर, चौकीदार और स्वीपर-सह-चौकीदर को छोडक़र ग्रुप डी के सभी पदों के मामले में शैक्षणिक योग्यता मान्यताप्राप्त बोर्ड से हिंदी या संस्कृत के साथ मैट्रिक निर्धारित की गई है। यह सीधी भर्ती और सीधे भर्ती के अलावा दोनों के लिए लागू होगीा। इसके अलावा, सीधे भर्ती के अलावा, प्रासंगिक पद का दो साल का अनुभव होना चाहिए।
स्वीपर, चौकीदार और स्वीपर-सह-चौकीदार के पदों के मामले में सीधी भर्ती के साथ-साथ अन्य भर्ती प्रक्रिया के लिए शैक्षणिक योग्यता पढऩे और लिखने का ज्ञान होगी। सीधे भर्ती के अलावा अन्य प्रकार से नियुक्ति के लिए, उम्मीदवार को प्रासंगिक पद का दो साल का अनुभव भी होना चाहिए।
सेवा, क्लास, श्रेणी और ग्रेड वेतन का स्थायी कैडर सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
दूसरे कार्यक्रम जो चयन के मानदंडों से संबंधित है, के अनुसार 90 अंक की लिखित परीक्षा और सामाजिक-आर्थिक मानदंड और अनुभव के लिए 10 अंक सहित कुल 100 अंक होंगे। यदि आवेदक के पिता, माता, पति या पत्नी, भाई, बहन, बेटे और बेटी में से कोई भी व्यक्ति हरियाणा सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार या भारत सरकार के किसी भी विभाग, बोर्ड, निगम, कंपनी, वैधानिक निकाय, आयोग या प्राधिकरण में नियमित कर्मचारी नहीं है तो उसे इसमें से पांच अंक दिए जाएंगे।
अनाथ या विधवा के मामले में पांच अंक दिए जाएंगे अर्थात यदि आवेदक एक विधवा है या मृतक का पहला या दूसरा बच्चा है, जिसका पिता 42 वर्ष की आयु के पूरा होने से पहले मर गया है। इसी तरह, अगर आवेदक एक प्रथम या द्वितीय बालक है और 15 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। अगर आवेदक ऐसी विमुक्त जाति, टपरीवास जाति या घुमन्तू जनजाति से है जोकि अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग में शामिल नहीं है को पांच अंक दिए जाएंगे।
अनुभव के लिए अधिकतम आठ अंक निर्धारित किए गए हैं। हरियाणा सरकार किसी भी विभाग या बोर्ड या निगम या कंपनी या वैधानिक निकाय या आयोग या प्राधिकरण में उसी या उच्च पद पर अधिकतम 16 वर्षों के अनुभव में छ: महीने से अधिक के हिस्से या प्रत्येक वर्ष का आधा अंक होगा। छ: महीनों से कम किसी भी अवधि के लिए कोई अंक नहीं दिया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में किसी भीआवेदक 10 अंकों से अधिक नहीं दिए जाएंगे। चयन के दौरान विज्ञाप्ति रिक्तियों के 25 प्रतिशत तक की प्रतीक्षा सूची तैयार की जाएगी।