Tirupati Laddu Row: तिरुपति मंदिर के प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी होने के आरोपों के बाद से जमकर बवाल मचा हुआ है। कई जनहित याचिकाएं (PIL) दायर की गई हैं और इस मामले की गहन जांच की मांग की जा रही है। इस सबके बीच भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने ए आर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड (A R Dairy) को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
वहीं तिरुपति लड्डुओं की पवित्रता को लेकर उठे विवाद के जवाब में, श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में चार घंटे का शुद्धिकरण अनुष्ठान किया गया।
बता दें एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड तमिलनाडु की वो ही कंपनी है, जिस पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को घटिया घी की आपूर्ति करने का आरोप है। आरोप है कि इस डेयरी द्वारा सप्लाई घी जिसका इस्तेमाल तिरुपति मंदिर के प्रसाद के लिए लड्डू बनाने में किया जाता है उस घी में पशु वसा का उपयोग किया गया था।
FSSAI ने किस आधार पर भेजा डेयरी को नोटिस
भारत के खाद्य सुरक्षा नियामक द्वारा यह हस्तक्षेप इन धार्मिक प्रसादों में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की गहन जांच के अनुरोध के बाद किया गया है। FSSAI की कार्रवाई आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी में प्रिवेंटिव मेडिसिन संस्थान के निदेशक की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इस रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है कि ये डेयरी बीते चार साल से TTD को घी सप्लाई कर रही थी। जो कथित तौर पर चर्बी युक्त घी की सप्लाई कर पवित्र प्रसाद की पवित्रता से समझौता कर रहा है।
डेयरी की गई ब्लैकलिस्ट
बता दें इस खुलासे के बाद तिरुपति मंदिर के प्रसाद के लिए घी सप्लाई कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के बाद कर्नाटक की नंदनी डेयरी को घी सप्लाई का काम सौंपा गया है।
मंदिर में किया चार घंटे का शुद्धिकरण अनुष्ठान
वहीं प्रसाद को लेकर हुए खुलासे के बाद भगवान श्री वेंकटेश्वर स्वामी के तिरुपतिमंदिर में चार घंटे का शुद्धिकरण अनुष्ठान किया गया। प्रसाद में अनुचित सामग्री के उपयोग के कारण हुई कथित अपवित्रता को सुधारने के उद्देश्य से ये अनुष्ठान किया।
TTD ने प्रसाद की पवित्रता को लेकर जारी किया बयान?
इसके साथ ही तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने भक्तों को आश्वस्त दिया है कि इस पवित्र अनुष्ठान के बाद मंदिर के प्रसाद की पवित्रता बहाल हो चुकी है। उन्होंने बताया कि शुद्ध तरीके से सारी जांच के बाद प्रसाद तैयार करवाया जा रहा है और ये अनुष्ठान इसलिए करवाया गया ताकि प्रसाद की पवित्रता पर चिंताओं को दूर किया जा सके।