प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को आता है। इस साल पीएम मोदी को अपने जन्मदिन से पहले ही एक छात्रा की ओर से बहुमूल्य उपहार मिला है। चेन्नई की 13 वर्षीय छात्रा प्रेस्ली शेखिना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी पोर्ट्रेट बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
यह अद्भुत पेंटिंग 800 किलो अनाज का उपयोग करके बनाई गई है और इसे बनाने में उसे 12 घंटे लगे हैं। इस पेंटिंग का अनावरण पीएम मोदी के जन्मदिन, 17 तारीख को किया गया।
प्रेस्ली अपने माता-पिता प्रताप सेल्वम और संकीरानी के साथ चेन्नई के कोलापक्कम में रहती हैं। वह वेलम्माल स्कूल में कक्षा 8वीं की छात्रा हैं। उसकी लगन और मेहनत साफ तौर पर दिखाई दे रही थी। प्रेस्ली ने सुबह 8:30 बजे पेंटिंग बनाना शुरू किया और रात 8:30 बजे तक इसे पूरा कर लिया।
छात्र उपलब्धि के लिए मान्यता
यह पेंटिंग 600 वर्ग फीट में फैली हुई है। प्रेस्ली के असाधारण प्रयास को यूनिको वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने छात्र उपलब्धि श्रेणी के तहत मान्यता दी है। यूनिको वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निदेशक आर शिवरामन ने उनकी उपलब्धि के सम्मान में उन्हें एक प्रमाण पत्र और पदक प्रदान किया।
#WATCH | Chennai, Tamil Nadu | A 13-years-old school student, Presley Shekinah creates a portrait of PM Narendra Modi using grains and lentils in a 12-hour-long effort, ahead of the PM's 74th birthday on September 17. (15/09) pic.twitter.com/ubQE4hxq5D
— ANI (@ANI) September 16, 2024
स्कूल प्रशासन, प्रिंसिपल सहित, प्रेस्ली के माता-पिता और रिश्तेदारों ने उसकी उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। उनके समर्थन ने प्रेस्ली को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रेस्ली की उपलब्धि न केवल उनकी कलात्मक प्रतिभा को दिखाती है बल्कि कला माध्यम के रूप में बाजरे और अनाज के इस्तेमाल की बहुमुखी प्रतिभा की ओर भी ध्यान खींचती है। बाजरे के उनके इस उपयोग से पता चलता है कि पारंपरिक सामग्रियों का रचनात्मक रूप से उपयोग कर के कैसे सुंदर आकृति बनाई जा सकती है।
यह रिकॉर्ड बनाने वाली पेंटिंग दुनिया भर के युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दर्शाती है कि समर्पण और रचनात्मकता के साथ, कम उम्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। प्रेस्ली की यह उपलब्धि उसकी दृढ़ता और कौशल का प्रमाण है। यह उसके परिवार, स्कूल और समुदाय के लिए गर्व का क्षण है।