Maharashtra News: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है।महायुति और महाअघाड़ी में शामिल पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए तमाम पैतरे अजमा रही हैं। शिंदे गुट की महिला विधायक यामिनी जाधव ने मुस्लिम महिला वोटरों को साधने के लिए बुर्का बांट डाला लेकिन इससे महायुति गठबंधन के अंदर ही विवाद पैदा हो गया है।
सत्तारूढ़ महायुति की सहयोगी पार्टी भाजपा का पारा चढ़ गया है पार्टी ने शिंदे गुट की विधायक द्वारा मुसलमान वोटरों को बुर्का बांटने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा आशीष शेलार ने कहा बुर्का बांटने जैसी तुष्टीकरण की राजनीति बिलकुल स्वीकार्य नहीं है।
यामिनी जाधव ने बांटा बुर्का
बता दें शिंदे गुट की यामिनी जाधव बायकुला से विधायक हैं। बायकुला मुस्लिम बहुल्य क्षेत्र है और यहां पर यामिनी जाधव ने हाल ही में मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का वितरण कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। जिस पर महायुति सरकार की विपक्षी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने जमकर निशाना साधा। वहीं अब महायुति में शामिल भाजपा ने भी इसकी आलोचना कर डाली है।
तुष्टीकरण की राजनीति बिलकुल स्वीकार्य नहीं
भाजपा के आशीष शेलार ने कहा वो चाहे जो करें लेकिन भारतीय जनता पार्टी को बुर्का बांटने जैसी तुष्टीकरण की राजनीति बिलकुल स्वीकार्य नहीं है। आशीष शेलार “हम इस तरह के बुर्का वितरण कार्यक्रम को स्वीकार नहीं करते।” उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के आयोजन भारतीय जनता पार्टी को स्वीकार्य नहीं हैं।
बुर्का बांटने पर घिरी शिंदे की शिवसेना
वहीं यामिनी जाधव ने अपने बचाव में कहा कि बुर्का बांटना उनकी चुनावी अभियान का हिस्सा नहीं है। इस बचाव के कारण उनकी आलोचना हुई और उनके इरादों पर सवाल उठे। विरोधियों ने सवाल उठाया है कि क्या यह कदम शिंदे समूह की प्राथमिकताओं में बदलाव का संकेत देता है, जिसे पारंपरिक रूप से हिंदुत्व पार्टी के रूप में पहचाना जाता है।
ठाकरे गुट ने शिंदे गुट पर पाखंड का लगाया आरोप
उद्धव ठाकरे गुट की नेता सुषमा अंधारे ने शिंदे गुट पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुस्लिम महिलाओं को बुर्का बांटकर समर्थन देने का दिखावा करते हुए मुस्लिम नफरत फैलाते हैं। बता दें लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना को मुस्लिम समुदाय का जबदस्त सहयोग मिला। जिसके बाद ठाकरे गुट को टक्कर देने के लिए शिंदे गुट ने मुसिलमों को साधने के बुर्का वितरण कार्यक्रम शुरू किया लेकिन विपक्षी हीं नहीं शिंदे की पार्टी अपनी सहयोगी भाजपा के ही निशाने पर आ चुकी है क्योंकि शिंदे गुट की विधायक का ये कदम भाजपा के सिद्धांतों के खिलाफ है। याद रहे कर्नाटक में जब भाजपा सरकार थी तब स्कूल- कालेजों के अंदर बुर्का या हिजाब पहनने पर रोक लगी थी और जिसके बाद जमकर बवाल मचा था।