Jharkhand Assembly Election 2024: सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले अपने गढ़ कोल्हान संभाल में डैमेज कंट्रोल करने में लगे हैं। जेएमएम के रणनीतिकार अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी लगन से कोल्हन इलाके में काम कर रहे हैं।
असल में झारखंड के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के बाद से हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम को डर है कि कहीं इस चुनाव में कोल्हन बेल्ट की 14 सीटों पर उनका दबदबा ना कम हो जाए।
कोल्हन बेल्ट को लेकर JMM क्यों है सतर्क?
2019 के चुनावों में भाजपा को कोल्हान क्षेत्र में कोई भी सीट नहीं मिली थी। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 11 सीटें जीतीं, उनकी सहयोगी कांग्रेस ने दो और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीता था।
चम्पाई को अपने पाले में लाकर भाजपा इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। इसके विपरीत हेमंत सोरेन ने अपने प्रभाव को मजबूत करने के लिए पहले स्थानीय नेता रामदास को मंत्री पद पर नियुक्त किया था। अब खुद हेमंत सोरेन पिछले कुछ दिनों में कई बार कोल्हन बेल्ट के जिलों का दौरा कर चुके हैं।
हालांकि चम्पाई सोरेन के जाने के बावजूद, पार्टी द्वारा नुकसान की भरपाई के लिए किए गए शुरुआती उपायों की वजह से झामुमो का कोई भी विधायक उनके साथ नहीं गया। इसके अलावा झामुमो ने अपनी संगठनात्मक ताकत बरकरार रखी क्योंकि कोई भी नेता चम्पई सोरेन के साथ नहीं गया।