Rahul Gandhi US Visit: अमेरिका में इस महीने भारतीय नेताओं का मजमा लग रहा है और महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित यात्रा से पहले राहुल गांधी अमेरिका पहुंच गये हैं और ये लगातार दूसरी बार है, जब मोदी की यात्रा से ठीक पहले राहुल गांधी अमेरिका पहुंचे हैं।
इससे पहले पिछले साल जून में, जब प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जो बाइडेन के न्योते पर अमेरिका की राजकीय यात्रा करने वाले थे, उससे पहले राहुल गांधी यूएस पहुंचे थे और उस दौरान उन पर विदेशी जमीन पर भारत की आंतरिक राजनीति को ले जाने का आरोप लगा था, लिहाजा सवाल ये उठ रहे हैं, कि क्या एक बार फिर से वो भारतीय राजनीति को विदेशी जमीन पर उठाएंगे।
भारत में इस साल हुए चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है और राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता बने हैं और अहम पद हासिल करने के बाद ये उनका पहला अमेरिका दौरा है और वो टेक्सास पहुंच गये हैं, और वह वाशिंगटन डीसी और डलास में आयोजित कई कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, जिसमें टेक्सास विश्वविद्यालय भी शामिल है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में, कांग्रेस के नेता गांधी ने कहा है, कि वह सार्थक चर्चाओं का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे। राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘मेटा’ पर लिखा है, कि “मैं इस यात्रा के दौरान सार्थक चर्चाओं और व्यावहारिक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं, जो हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी।”
राहुल गांधी के पिछले दौरों पर हो चुका है विवाद
पिछले साल राहुल गांधी जब अमेरिका पहुंचे थे, उस वक्त उन्होंने कार्यक्रम में लगातार मानवाधिकार और अल्पसंख्यकों को लेकर मोदी सरकार को घेरा था। राहुल गांधी ने पिछले साल यूएस दौरे के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा था, कि “अगर आप प्रधानमंत्री मोदी को भगवान के बगल में बैठा दें, तो वह भगवान को समझाना शुरू कर देंगे, कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है।”
राहुल गांधी ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और नागरिक समाज के साथ बातचीत के दौरान ये कहा था।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा था, कि “मुझे लगता है कि अगर आप मोदी जी को भगवान के बगल में बिठाते हैं, तो वे भगवान को समझाना शुरू कर देंगे, कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। जिसके बाद खुद भगवान भी कनफ्युज हो जाएंगे, कि मैंने क्या बनाया है”। उन्होंने कहा था, कि “भारत को लोगों के एक समूह द्वारा चलाया जा रहा है, जो “पूरी तरह से आश्वस्त” कि वे सब कुछ जानते हैं”।
इससे पहले राहुल गांधी के लंदन दौरे को लेकर भी विवाद हो चुका है।
मार्च 2023 में राहुल गांधी की लंदन यात्रा ने भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था, जिसमें ‘विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने’ के लिए उनकी माफी की मांग करते हुए, बीजेपी ने संसद की कार्यवाही को बाधित किया था।
वहीं, अमेरिका ने भी भारत को मानवाधिकार को लेकर बार बार कटघरे में खड़ा किया है, जिसे मोदी सरकार ने वोट बैंक और पूर्वाग्रह से भरी राजनीति कहा है और पिछले साल जून में बाइडेन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने मानवाधिकार पर प्रेस के सवालों का जवाब भी दिया था। लिहाजा, सवाल ये उठ रहे हैं, कि क्या एक बार फिर से राहुल गांधी अमेरिकी धरती से मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे?