Jharkhand Election 2024: झारखंड आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अहम मुकाबला होने वाला है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार पर भ्रष्टाचार के बढ़ते आरोप और तुष्टिकरण की राजनीति के आरोप लग रहे हैं, ऐसे में ये मुद्दे राजनीतिक परिदृश्य और चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं।
भ्रष्टाचार और विभाजनकारी नीतियों की दोहरी चुनौतियों ने न केवल हेमंत सोरेन की सरकार की ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं, बल्कि इसके पारंपरिक वोट बैंक को भी खत्म करने की कोशिश की है। इसका सबसे ज्यादा असर आदिवासी समुदायों पर देखा जा हा है, जो JMM का मुख्य निर्वाचन क्षेत्र रहा है।
हेमंत सोरेन सरकार की सबसे बड़ी चुनौती, भ्रष्टाचार के आरोप
हेमंत सोरेन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती भ्रष्टाचार के आरोपों की बढ़ती सूची है। खासकर भूमि घोटालों से संबंधित आरोप। सीएम हेमंत सोरेन हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जेल गए थे। अवैध भूमि सौदों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चल रही जांच ने धोखाधड़ी का भी खुलासा किया है। इन खुलासों ने जेएमएम की छवि को नुकसान पहुंचाया है और कई सवाल खड़े किए हैं।
झारखंड जैसे राज्य में, जहां भूमि स्वामित्व और संसाधन प्रबंधन संवेदनशील मुद्दे हैं, खासकर आदिवासी समुदायों के लिए, इन क्षेत्रों में भ्रष्टाचार लोगों के विश्वास को चोट पहुंचाता है। आदिवासी अधिकारों और समान विकास की वकालत करने वाली जेएमएम पार्टी के लिए ये घोटाले उसके मूलभूत सिद्धांतों के साथ विश्वासघात का प्रतिनिधित्व करते हैं।