नई दिल्ली : कांग्रेस नेता शशि थरूर को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने 2018 के एक केस में शशि थरूर के खिलाफ दायर मानहानि याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया है।
यह मामला बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर किया गया था। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के विवरण को।
2018 का विवादास्पद बयान साल 2018 में, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। 28 अक्टूबर, 2018 को बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल में थरूर ने कहा था, ‘मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं। आप उन्हें अपने हाथ से हटा नहीं सकते हैं और आप इसे चप्पल से भी मार नहीं सकते हैं। अगर हाथ से हटाया तो बुरी तरह से काट लेगा।’ इस बयान ने व्यापक विवाद और आलोचना को जन्म दिया था।
राजीव बब्बर की मानहानि याचिका इस बयान को लेकर बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने शशि थरूर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। अपनी याचिका में बब्बर ने आरोप लगाया कि थरूर का बयान जानबूझकर और बदनीयती से दिया गया था, जिससे न केवल हिंदू देवता का अपमान हुआ, बल्कि यह अपमानजनक भी था। बब्बर ने यह भी कहा कि थरूर के बयान ने बीजेपी कार्यकर्ताओं, RSS के सदस्यों, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थकों को गहरा धक्का पहुंचाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बयान का उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाना था।
शशि थरूर की याचिका पर दिल्ली HC का निर्णय इस विवाद के बीच, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान, दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी और 27 अप्रैल 2019 को निचली अदालत द्वारा शशि थरूर को जारी किए गए समन पर भी रोक लगा दी थी।हालांकि, हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने शशि थरूर की याचिका को खारिज कर दिया है और पूर्व में लगाई गई रोक को हटा दिया है। कोर्ट ने अब निचली अदालत में मानहानि के मुकदमे की कार्यवाही को पुनः शुरू करने की अनुमति दे दी है। इस निर्णय के साथ, शशि थरूर के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की प्रक्रिया अब अपने सामान्य तरीके से आगे बढ़ेगी।