बठिंडा के एम्ज़ प्राजैकट के काम में तेज़ी के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रधानमंत्री को लिखेंगे पत्र
चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को मोहाली में प्रस्तावित मैडीकल कालेज को सीमावर्ती क्षेत्र, संभावी तौर पर संगरूर में तबदील करने का मामला केंद्र सरकार के पास उठाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने सभी आगामी स्वास्थ्य प्रोजैक्ट मैडीकल सुविधाओं की कमी वाले इलाकों में लाने की योजना तैयार करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नंडडा के साथ मुलाकात कर इस मैडीकल कालेज की जगह तबदील करने संबंधीे चर्चा करने के अलावा एम्ज़ बठिंडा प्रोजैक्ट, जिसके लिए पंजाब सरकार ने सभी अपेक्षित कार्यवाहियों मुकम्मल कर ली हैं, में तेज़ी के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे।
800 करोड़ की लागत वाला एम्ज़ बठिंडा सौ फीसदी केंद्रीय स्पांसर प्रौजैक्ट है जबकि 300 करोड़ की लागत वाला मैडीकल कालेज का प्रौजैक्ट 70:30 के अनुपात के साथ केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी वाला प्रोजैक्ट है।
राज्य में बढिय़ा स्वास्थ्य ढांचा मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री ने यह निर्देश इन दो प्रोजैेक्टों की समीक्षा संबंधीे मंगलवार को यहाँ हुई मीटिंग दौरान दिए।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस मैडीकल कालेज के लिए मोहाली का चयन वर्ष 2012 में आई योजना के अंतर्गत किया गया था, जिसके लिए पहली शर्त थी कि इस शहर में 200 बेडों का अस्पताल होना चाहिए था जिस को अपग्रेड करने में केंद्र मदद कर सकती हो। उस समय मोहाली में 200 बेडों का एक सिविल अस्पताल था और कोई प्राईवेट अस्पताल या मैडीकल कालेज नहीं था। इस योजना की शर्र्तें और नियम यह अस्पताल पूरे करता था। हालाँकि इस बाद कई ओैर इलाके सामने आए हैं, जो यह शर्तें और नियम पूरे करते हैं, जिनक ा चयन किया जा सकता है।
मीटिंग दौरान चर्चा हुई कि मोहाली में सभी सुविधाओंं पर ध्यान केंद्रित करने से विकास की एकसारता नहीं रहेगी क्योंकि नजदीक चण्डीगढ़ में पहले ही मैडीकल कालेज है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इस मैडीकल कालेज को कम -विकसित सीमावर्ती इलाके में तबदील किया जाये। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने हामी भरते कहा कि इस प्रस्तावित कालेज के लिए संगरूर उचित होगी।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा को यह मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नडडा के पास उठाने और यह देखने के लिए कहा कि क्या इस मैडीकल कालेज के लिए संगरूर का चयन किया जा सकता है। उन्होंने भारत सरकार के फ़ैसले के आधार पर आगे बढऩे के लिए कहा।
बठिंडा में स्थापित किये जाने वाले एम्ज़ के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रांतीय सरकार ने ज़मीन के तबादले सहित पहले ही सभी बकाया मुद्दे सुलझा लिए हैं। इस मैडीकल कालेज -कम -अस्पताल का आधारशिला प्रधानमंत्री ने 2016 में रखी थी। पंजाब ने ज़मीन मुहैया करा दी थी और जरूरी सडक़ ढांचा मुहैया करवाना था जबकि बाकी सारा कुछ केंद्र सरकार ने संभालना था।
मीटिंग दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि गेंद अब भारत सरकार के पाले में है जिसकी तरफ से चार दीवारी का निर्माण शुरू किया जा चुका है और आरकीटैकट के लिए आलमी स्तर पर टैंडर निकाले गए हैं जिसको जल्दी ही अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस प्रोजैक्ट के काम में तेज़ी लाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को हिदायत देने के लिए वह प्रधानमंत्री से अपील कर उनके दख़ल की माँग करेंगे जिससे पंजाब के लोगों को जल्दी से जल्दी इस का लाभ मिल सके।
मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि फिऱोज़पुर और संगरूर में पी.जी.आई सैटेलाइट सेंटरों के 100 प्रतिशत केंद्रीय सहायता प्रोजैेक्टों के निर्माण का मुद्दा ज़ोरदार ढंग से उठाया जाये। उनको बताया गया कि केंद्र सरकार इस प्रौजैक्ट के लिए आगे बढऩे की इच्छुक है परन्तु पी.जी.आई के कुछ मुददे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विभाग को पी.जी.आई से इन मसलों का हल जल्दी से जल्दी करने के लिए कहा।
मीटिंग में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म महिन्द्राा, वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊच्च शिक्षा एस.के. संधू, अतिरिक्त मुख्य सचिव आवास और शहरी विकास विनी महाजन, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी, प्रमुख सचिव मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान संजय कुमार और डिप्टी कमिशनर बठिंडा दिपरवा लाकरा शामिल थे।