Jammu kashmir Assembly Election: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव मेंं कड़ा मुकाबला देखे जाने का अनुमान लगाया जा रहा है. जहां कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में गठबंधन हो चुका है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार दोनों दलों पर निशाना साध रही है.
सोमवार (26 अगस्त) को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में सीट शेयरिंग (Seat Sharing) पर सहमति बनी और इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया. दोनों दलों ने जम्मू कश्मीर की 90 सीटों में से 85 पर समझौता किया है. हालांकि, अन्य पांच सीटों पर फ्रेंडली फाइट (Friendly Fight) होगी.
गठबंधन का ऐलान कब हुआ?
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 22 अगस्त, 2024 को गठबंधन का ऐलान किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, गठबंधन पर बात करने के श्रीनगर पहुंचे थे. हालांकि, गठबंधन से पहले राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मान हमारे लिए सबसे ऊपर है.
जम्मू कश्मीर में क्या बसपा भी कांग्रेस-NC गठजोड़ का हिस्सा है?
सूत्रों के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बसपा सुप्रीमो मायावती को जम्मू कश्मीर चुनाव में गठबंधन का प्रस्ताव दिया था लेकिन मायावती ने इसे ठुकरा दिया. बताया गया कि उमर अब्दुल्ला चाहते थे कि मायावती भी इस गठबंधन का हिस्सा हों ताकि और अधिक मजबूती से चुनाव में उतरा जा सके.
कुल कितनी सीटें हैं और कौन सा दल कितनी पर चुनावी ताल ठोंकेगा?
जम्मू कश्मीर में 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव होना है. 90 सीटों में से 51 सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस 32 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. एक सीट पैंथर्स पार्टी और एक सीट CPI(M) के लिए छोड़ी गई है.
किन/कितनी सीटों पर फ्रेंडली फाइट हो सकती है?
JKPCC अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पांच सीटों पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों चुनाव लड़ेंगी यानी कि ये पांचों फ्रेंडली सीटें होंगी. उन्हों कहा, ‘जहां पर दोनों दलों को मुश्किलें हो रही थीं, वहां पर दोनों पार्टियों की तरफ से एक फ्रेंडली मुकाबला लेकिन अनुशासन रूप में करने की योजना है.’
इस गठबंधन में सीएम फेस कौन होगा?
हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए तो अभी दोनों ही दलों की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन ये माना जा रहा है कि जो दल चुनाव में ज्यादा सीटें जीतकर आएगा, वो अपना दावा मजबूती से पेश कर सकेगा. यूं तो इस गठबंधन में कांग्रेस ही बड़े दल का रोल अदा कर रही है लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी बराबर का सम्मान दिया जा रहा है.