Bihar Special Category Status: केंद्र सरकार की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की जेडीयू की मांग को एक तरह से खारिज किए जाने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी ने कम से कम विशेष पैकेज लेने के लिए टाल ठोक दिया है। केंद्र में बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी ने इसके साथ ही एक तरह की चेतावनी भी देने की कोशिश की है।
इंडियाटुडे डॉट इन की एक रिपोर्ट के मुताबिक जदयू ने केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले उसका ‘वादा’ याद दिलाया है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से जेडीयू की ओर से मोदी सरकार से कम से कम बिहार के लिए विशेष पैकेज देने की मांग की गई है।
केंद्र का जवाब, बिहार को नहीं दिया जा सकता विशेष राज्य का दर्ज
रविवार को मानसून सत्र की शुरुआत से पहले ही सर्वदलीय बैठक में जेडीयू की ओर से केंद्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई थी। लेकिन, केंद्र ने एक लिखित जवाब में संसद के पहले ही दिन सोमवार को 2012 की एक अंतर-मंत्रालय ग्रुप की रिपोर्ट का हवाला देकर कह दिया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया सकता।
यूपीए सरकार के दौरान अंतर-मंत्रालय ग्रुप ने ठुकराई थी बिहार की डिमांड
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) की ओर से कुछ राज्यों को कुछ खास विशेषताओं की वजह से विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था, ताकि एक विशेष व्यवस्था के तहत उन्हें सहायता दी जा सके।
विशेष राज्य का दर्जा पाने के लिए आवश्यक मानदंड क्या हैं?
इनमें पहाड़ी और दुर्गम इलाका, कम जनसंख्या घनत्व या आदिवासियों की बड़ी आबादी, पड़ोसी मुल्कों से लगने वाली सीमाओं पर सामरिक महत्त्व के स्थान, आर्थिक और संराचनात्मक पिछड़ापन और राज्य के वित्त की अव्यवहार्य प्रकृति जैसी विशेषताएं शामिल की गई थीं।
लोकसभा में केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष दर्जा देने पर क्या कहा?
मंत्री ने कहा है, ‘इससे पहले विशेष श्रेणी का दर्जा वाले बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालय ग्रुप की ओर से विचार किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट 30 मार्च, 2012 को सौंपी थी। ग्रुप इस नतीजें पर पहुंचा था कि एनडीसी का मौजूदा मानदंड, बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला नहीं बनता।’
जेडीयू ने केंद्र सरकार को दे दिया ये अल्टीमेटम!
लोकसभा में सरकार की प्रतिक्रिया देखने के बाद जेडीयू सूत्रों ने कहा है कि पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जेडीयू सूत्र ने कहा, ‘अगर कोई तकनीकी मुद्दा है तो सरकार बिहार के विकास के लिए निश्चित तौर पर हमें विशेष पैकेज दे। हम यह पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस गठबंधन का हिस्सा सिर्फ इसीलिए हैं, क्योंकि हमने बिहार को विशेष दर्जा देने का वादा किया है।’
बिहार के अलावा ये राज्य भी कर रहे हैं विशेष दर्जे की मांग
रविवार यानी 21 जुलाई को सर्वदलीय बैठक में जेडीयू के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और विपक्षी आरजेडी ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया था। इसी तरह की मांग ओडिशा से बीजेडी और आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की ओर से भी अपने राज्यों के लिए उठाई गई थी।
विशेष राज्य का दर्जा मिलने के क्या फायदे हैं? विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर एक राज्य को केंद्र से विशेष वित्तीय सहयता, करों में रियायत और अन्य तरह की सहायता उपलब्ध होने लगती हैं। आमतौर पर किसी राज्य को विशेष श्रेणी में तब रखा जाता है, जब वह आर्थिक रूप से बहुत पिछड़ा हो, उसके सामने भौगोलिक चुनौतियां हों और सामाजिक-आर्थिक रूप से उसे आगे बढ़ने के लिए विशेष सहायता की जरूरत हो।