चण्डीगढ़ : हरियाणा के आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि हरियाणा विधानसभा में आज विशेष सत्र बुलाकर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) बिल सर्वसम्मति से पारित हुआ है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होंना देश के विकास में एक ऐतिहासिक निर्णय होगा, जो आगामी 1 जुलाई, 2017 से लागू होने जा रहा है।
कैप्टन अभिमन्यु आज हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र में विधायक करण सिंह दलाल द्वारा जीएसटी पर उठाए गये बिंदुओं के सम्बन्ध में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत में जीएसटी लागू करवाने के लिए पिछले 10 से 12 सालों से कार्यकलाप चल रहे थे, जिसमें पिछली यूपीए सरकार ने भी काम किया और इसे लागू करने के प्रयास किए। उन्होंने कहा कि जीएसटी को देश में लागू करने के लिए सभी राज्यों ने अपनी सहमति दी है और इस बिल को पास करवाने के लिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने अपना भरसक प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू करवाने के लिए विपक्ष ने भी अपना पूरा साथ दिया है।
जीएसटी परिषद के गठन के सम्बन्ध में उठाए गये बिंदु पर कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि जीएसटी परिषद का गठन हो चुका है और इसकी अब तक 13 बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की आगामी बैठक 18 व 19 मई को श्रीनगर में आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में केन्द्र और राज्यों के अधिकारों का समावेश किया गया है, क्योंकि राज्य और केन्द्र को कर लगाने के स्वायत अधिकार थे, जो अब जीएसटी परिषद को समर्पित कर दिए हैं। जीएसटी परिषद ने समानता को स्थापित करने का काम किया है। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि जीएसटी को लागू करने के लिए वोटिंग व्यवस्था के साथ सबकी सहमति ली गई है और इसका श्रेय सभी को जाता है, जिसमें सभी दलों के लोग व मंत्री शामिल हैं।
जीएसटी में राजस्व के संरक्षण पर उठाए गये बिंदु पर उन्होंने कहा कि हरियाणा ने राजस्व के संरक्षण के लिए भी पक्ष रखा, जिसमें पांच साल तक राजस्व के लिए 2015-16 को आधारवर्ष मानकर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाई गई है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में केन्द्र द्वारा राज्य को पांच साल तक क्षतिपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 से पहले हरियाणा की वृद्धि दर 10 से 11 प्रतिशत थी।
जीएसटी में करों को समाहित करने पर उठाए गये बिंदु के सम्बन्ध में कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था बेहतर है और यह प्राइमरी में 17 से 18 प्रतिशत, सेकेण्डरी में 28 से 30 प्रतिशत और टरसरी में 50 प्रतिशत से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को इससे लाभ होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को सेवा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में 50 प्रतिशत का जो हिस्सा मिलेगा, उसमें ऐसा माना जा रहा है कि 7300 करोड़ रुपये हरियाणा को मिलने की उम्मीद है। उन्होंने आशा व्यक्त करते कहा कि सेवा कर के माध्यम से हरियाणा को शायद कोई नुकसान नहीं होने वाला है। विधायक करण सिंह दलाल द्वारा मार्केट फीस पर उठाए गये बिंदू के सम्बन्ध में कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि जीएसटी में मार्केट फीस समाहित नहीं की गई है और यह मंडी बोर्ड को मिलती रहेगी।
जीएसटी में आम व्यक्ति का ध्यान रखने के सम्बन्ध में उठाए गये बिन्दू पर कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि आम जनता द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं के दाम न बढ़े, इसके लिए जीएसटी परिषद ने एक फिटमैंट कमेटी को गठन किया है, जो एक-एक वस्तु का अध्ययन करेगी। उन्होंने कहा कि आम व्यक्ति के उपभोग अर्थात कंज्यूमर प्राइज इंडैक्स में रोजमर्रा की सामग्री को छोटा किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें स्लैब इस प्रकार से बनाई गई हैं कि रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें बढऩे की बजाए कम हो, पर प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि एन्टीप्रोफि टेरियल कमेटी के बारे में परिषद में हरियाणा ने सबसे पहले प्रस्ताव रखा ताकि लाभ उपभोक्ता के पास जाए, न कि ट्रेडर या डीलर तक ही रह जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक कमीशन या बॉडी जीएसटी परिषद के अन्तर्गत काम करेगा और यदि हरियाणा में इसकी उल्लंघना होती है तो कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी में हरियाणा के पुराने उद्योगों से सम्बन्धित जैसे प्लाईवुड उद्योग, जूता उद्योग, हैडलूंम उद्योग, बर्तन उद्योग, आईटी उद्योग और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों को साथ लेकर आगे बढ़ा जाएगा।
कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि जीएसटी में ज्यादा विविधताएं नहीं रखी जा सकती, क्योंकि यह एक राष्ट्र-एक बाजार-एक कर के सिद्धांत पर है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के आने से आबकारी एवं कराधान विभाग का कार्य बढ़ेगा, क्योंकि इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में हरियाणा का कोई भी उद्यमी दूसरे राज्यों में भी अपना पंजीकरण घर बैठे करवा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के साथ चलने के लिए विभाग की री-माडलिंग और री-स्ट्रक्चरिंग करने का प्रस्ताव है, क्योंकि जीएसटी लागू होने के उपरांत भारत सरकार के अधिकारी हरियाणा में काम करेंगे तो यहां के अधिकारियों को उनके साथ काम करने के लिए एक नया फोर्मेट तैयार करने का प्रस्ताव बनाया गया है।
जीएसटी में डीलर या आवेदक द्वारा ऑनलाइन गलती होने पर उठाए गये बिंदु के सम्बन्ध में कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि इस व्यवस्था में आवेदक या डीलर को शुद्धि या संशोधन करने का अवसर देने का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में रिफण्ड सात दिन के अन्दर-अन्दर होगा और डीलर को 60 दिनों के भीतर 6 प्रतिशत ब्याज के साथ रिफण्ड भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट में जीएसटी लागू होने के बाद यह बेहतर ढंग से संचालित होगा, क्योंकि इसमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी में इस एक्ट को रैगुलेट करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी में भी चैक एण्ड बैलेंस भी हैं।
कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि जीएसटी बिल को भारत सरकार के साथ राज्यों के प्रतिनिधियों ने मिलकर बनाने का काम किया है और उन्हें उम्मीद है कि यह देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।