आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू 6 दिन पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे और उनकी टीडीपी सरकार को केंद्र सरकार में सहयोगी होने का फायदा मिलना शुरू हो गया है।
केंद्र सरकार ने प्रदेश में 60,000 करोड़ रुपए के निवेश से एक ऑयल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल हब बनाने के लिए सहमति दे दी है।
चंद्रबाबू की पार्टी टीडीपी केंद्र में बीजेपी की सबसे बड़ी सहयोगी है। उन्होंने बुधवार को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बड़े अफसरों से मुलाकात की थी और आंध्र प्रदेश में रिफाइनरी लगाने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की थी।
आंध्र प्रदेश में रिफाइनरी के लिए तीन नामों पर विचार-रिपोर्ट
ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए आंध्र प्रदेश के तीन स्थानों- श्रीकाकुलम, मछलीपट्टनम और रामायापत्तनम के नामों पर विचार किया गया है। माना जा रहा है कि इसकी औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में की जा सकती है।
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि लोकेशन तय करने में कम से कम दो महीने लग सकते हैं, इसलिए बजट में इनके नामों की घोषणा नहीं भी हो सकती है। एक सूत्र ने नाम नहीं बताने की गुजारिश करते हुए कहा, ‘घोषणा राजनीतिक रूप से संवेदनशील है, क्योंकि तीनों स्थान राज्य के तीन अलग-अलग हिस्सों में हैं- उत्तर, मध्य और दक्षण।’
पीएम मोदी और पेट्रोलियम मंत्री से मिले थे नायडू
नायडू के लिए केंद्र में सहयोगी होने के तौर पर यह बड़ी जीत मानी जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के साथ अपनी मुलाकातों में इस मसले को जोर से उठाया था।
मोदी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है टीडीपी के 16 सांसदों का समर्थन
मोदी सरकार को टीडीपी के 16 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, आंध्र प्रदेश में रिफाइनरी लगाए जाने का वादा राज्य के विभाजन के समय ही किया गया था। लेकिन, अब इसके लगने का रस्ता साफ हो रहा है। नायडू राज्य के विकास के वादों के साथ ही प्रदेश की सत्ता में आए हैं।
बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार सृजित हो सकता है-चंद्रबाबू
इस मामले में नायडू ने गुरुवार को एक्स पर अखबारों के स्क्रीन शॉट के साथ एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है। उन्होंने लिखा है, ‘कल, मेरी बीपीसीएल लिमिटेड और विनफास्ट के साथ उत्पादक बैठकें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार सृजित हो सकता है। यह पिछले पांच साल में हुई घटनाओं से एक बदलाव है, जब राजनीति ने प्रगति को पीछे छोड़ दिया, सहयोग की जगह भ्रष्टाचार ने ले लिया और विनाश ने विकास का स्थान ले लिया।’
आंध्र प्रदेश में इस बार टीडीपी की अगुवाई में एनडीए ने लोकसभा की 25 में से 21 सीटें जीत ली हैं, जिसमें बीजेपी और जनसेना पार्टी भी शामिल है। वहीं विधानसभा में भी गठबंधन को बहुत बड़ी जीत मिली है और नायडू ने राज्य के विभाजन के बाद पहली बार सत्ता हासिल की है।