आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने रविवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी इस डिमांड को पूरा करने के लिए कोई रास्ता निकालेगी।
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में किंजरापु ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से टीडीपी के संबंधों समेत कई दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत की। इस दौरान किंजरापु से विभाजित आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के मुद्दे पर सवाल पूछा गया। इसे लेकर उन्होंने कहा, ‘राज्य को फलने-फूलने के लिए कुछ दूसरे मुद्दे भी अहम हैं। अगर आप एक ही चीज पर जोर देंगे, तो यह दूसरी मांगों को छोटा दिखाना होगा। मैं नहीं चाहता कि ऐसा कुछ हो। मेरे लिए तो रेलवे जोन अधिक जरूरी चीज है क्योंकि मैं उत्तरी आंध्र क्षेत्र से आता हूं।’
राम मोहन नायडू किंजरापु श्रीकाकुलम सीट से तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीते हैं। एचटी से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘आंध्र प्रदेश की कोई राजधानी नहीं है। हम इसे लेकर अमरावती की मांग कर रहे हैं। यह अहम है और मुझे उस पर भी जोर देना है। हमारा फोकस पोलावरम पर भी है जो नेशनल प्रोजेक्ट है। बीते 5 बरसों में इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है। मगर, जब आप कोई एक ही मुद्दा उठाते हैं, तो वह काफी हद तक राजनीतिक हो जाता है।’
विशेष राज्य का दर्जा मिलना कितना अहम?
टीडीपी नेता से पूछा गया कि आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना कितना अहम है? इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘राज्य के विभाजन के शुरुआती 5 बरसों में हमें एनडीए सरकार से कुछ समर्थन मिला। हमारे पास चंद्रबाबू नायडू की लीडरशिप थी। हमने राज्य को विकास के रास्ते पर लेकर गए। हमें ऐसा लगा कि अगर एनडीए से और अधिक समर्थन मिलता तो हम ज्यादा सफलता हासिल कर सकते थे।’ किंजरापु ने कहा कि 2019 का चुनाव हम हार गए और जगन मोहन रेड्डी सत्ता में आए। 5 साल तक उन्होंने राज्य के लोगों को धोखे में रखा। जगन ने अपना संविधान और सड़कें बनाईं। उन्होंने राज्य को तो अपना बैंक खाता ही बना लिया था। वह लगातार अपनी मनमानी करते रहे। इसीलिए टीडीपी ने गठबंधन सहयोगियों (भाजपा और जन सेना) के साथ मिलकर जगन रेड्डी की वाईएसआरसीपी को हरा दिया।