National Statistics Day 2024: हर साल 29 जून को भारत में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस यानी नेशनल स्टेटिस्टिक्स डे मनाया जाता है. यह दिवस भारतीय सांख्यिकी के जनक प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
इस दिन देश भर में कई तरह कार्यक्रमों और सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सांख्यिकी के महत्व के बारे में बताया जाता है.
कौन थे प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस?
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस को भारतीय सांख्यिकी का जनक माना जाता है. उनकी जयंती के तौर पर पूर देश में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है. प्रोफेसर के नाम से ही संबोधित किया गया महालनोबिस के कारण ही पं. जवाहर लाल नेहरू को आकडे़ जुटाने में मदद मिली. प्रोफेसर ने कृषि और बाढ़ नियंत्रण के क्षेत्र में अपना योगदान दिया था.
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस का इतिहास
प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ था. वे एक प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ और सांख्यिकीविद् थे जिन्होंने भारतीय सांख्यिकी विद्यालय (इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट) की स्थापना की थी. उन्होंने सांख्यिकी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए, जिनमें महालनोबिस डिस्टेंस, सैंपल सर्वे, इकोनॉमिक प्लानिंग के लिए सांख्यिकीय तरीकों का विकास शामिल है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस का महत्व
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य सांख्यिकी के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है. सांख्यिकी लोगों के जीवन के हर पहलू में अहम भूमिका निभाती है, चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था या सामाजिक विकास. यह डेटा को इकट्ठा करने, एनालिसिस करने और एक्सप्लेन करने में मदद करता है, जो बेहतर निर्णय लेने और नीतियां बनाने के लिए बेहद जरूरी है.
2024 में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस की थीम
2024 में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस की थीम ‘निर्णय लेने के लिए डेटा का इस्तेमाल’ है. यह थीम डेटा के बढ़ते महत्व और इसे बेहतर निर्णय लेने के लिए कैसे उपयोग किया जा सकता है.