एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी के बाद अब भारत की नजरें 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी पर है। इसके लिए काफी समय से भारतीय खेल प्राधिकरण की मिशन ओलंपिक इकाई (MOC) तैयारी में जुटी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय खेल प्रशासक 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक खेलों के दौरान दावेदारी हासिल करने के लिए जोर-शोर से लॉबिंग करेंगे। एमओसी ने ओलंपिक की मेजबानी का दावा करने से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट खेल मंत्री मनसुख मांडविया को पेश की है।
छह स्वदेशी खेलों को शामिल करने की योजना
एमओसी की योजना है कि यदि भारत को ओलंपिक की मेजबानी मिलती है तो उसमें स्वदेशी खेलों को भी शामिल किया जाए। इसके तहत छह खेलों योग, टी-20 क्रिकेट, कबड्डी, खो-खो, स्क्वैश और शतरंज को जगह मिलेगी। भारत यदि मेजबानी हासिल करता है तो प्रस्तावित खेलों को इससे पहले 2032 ब्रिस्बेन ओलंपिक के दौरान प्रदर्शन खेलों के रूप में शामिल किया जाएगा। इसके बाद इन खेलों को ओलंपिक 2036 में शामिल करने पर विचार किया जाएगा।
आईओसी को प्रभावित करना होगा
भारत को यदि ओलंपिक की मेजबानी हासिल करनी है तो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओए) को प्रभावित करना होगा। एमओसी के एक सदस्य ने कहा, हमें पेरिस ओलंपिक के दौरान आइओसी के साथ लॉबिंग करनी होगी। हम पूरे प्लान के साथ इसके लिए तैयार हैं।
इन देशों से मिलेगी कड़ी चुनौती
भारत को ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने के लिए कतर, सऊदी अरब, चीन, हंगरी, इटली, जर्मनी, डेनमार्क, कनाडा, स्पेन, पोलैंड, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, मिस्र, चिली, तुर्की और इंडोनेशिया से कड़ी चुनौती मिलेगी।
इस तरह मिलती है मेजबानी
-2019 के बाद आइओसी ने बोली प्रक्रिया खत्म कर दी है। अब वह इच्छुक दावेदार से सीधे बात करती है।आइओसी ने प्लानर्स और प्रेजेंटेशंस को हटा दिया है।
-आईओसी दावेदार देश की आर्थिक हालत, वहां खेलों की सुविधाएं और आधारभूत ढांचे का आंकलन करती है।
आयोजन पर कितना पैसा होगा खर्च
इस साल 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक खेलों का कुल बजट करीब 39 हजार करोड़ रुपए है। भारत यदि 2036 ओलंपिक की मेजबानी करेगा तो उसे हजारों करोड़ रुपए खर्च करने होंगे।