नेट परीक्षा रद्द होने पर कुमारी सैलजा बोली- शिक्षा के क्षेत्र लापरवाही और गड़बड़ी किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं
कहा- इस मामले में सरकार के खिलाफ छात्रों के हक की लड़ाई हम सड़क से संसद तक पूरी मजबूती से लड़ेंगे
नई दिल्ली/चंडीगढ़ , 20 जून।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) की विजयी सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि नीट पेपर लीक की जांच चल ही रही थी कि अब यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द कर सरकार ने लाखों छात्रों का भविष्य अंधकार में धकेल दिया गया है। मेहनती परीक्षार्थियों की आंखों में सिर्फ आंसू ही आंसू है, उनकी महीनों की मेहनत का हिसाब कौन देगा ? शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही और गड़बड़ी किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। इस पेपर लीक मामले में सरकार के खिलाफ छात्रों के हक की लड़ाई हम सड़क से संसद तक पूरी मजबूती के साथ लड़ेंगे।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि कल रात से उनके पास परीक्षा देने वाले सैंकड़ों छात्र-छात्राओं के फोन और मैसेज आ चुके हैं, उनकी आंखों में सिर्फ़ आंसू है। उनकी महीनों की मेहनत का हिसाब कौन देगा ? उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही और गड़बड़ी किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। क्या यही है बीजेपी की नई शिक्षा नीति? छात्रों के भविष्य के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ क्यों? इस पेपर लीक सरकार के खिलाफ छात्रों के हक की लड़ाई हम सड़क से संसद तक पूरी मजबूती के साथ लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि यूजीसी नेट परीक्षा 18 जून को आयोजित की गई थी और 19 जून को रद्द कर दी गई। परीक्षा में शामिल होने के लिए 11 लाख से अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जबकि 09 लाख 8 हजार 580 अभ्यर्थी शामिल हुए। यूजीसी नेट 2024 जून सेशन की परीक्षा को शिक्षा मंत्रालय ने एग्जाम में गड़बड़ी की आशंका के कारण परीक्षा को रद्द कर दिया है। कहा जा रहा है कि सरकार को इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने गड़बड़ी पर जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा है कि कुल 83 विषयों के लिए यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन 18 जून को दो पालियों में किया गया था। परीक्षा का आयोजन देश भर के 317 शहरों में निर्धारित किए गए 1205 केंद्रों पर हुई थी। इस परीक्षा के लिए कुल 11,21,225 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था। इसमें 6,35,587 महिलाएं, 485579 पुरुष और 59 थर्ड जेंडर कैंडिडेट शामिल थे। कुल 9,08,580 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात ये है कि परीक्षा केंद्र बनाने में परीक्षार्थियों की सुविधा का ध्यान तक नहीं रखा गया, परीक्षा केंद्र 200 से 250 किमी दूर बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी जल्द से जल्द दोबारा परीक्षा आयोजित कर पीड़ित परीक्षार्थियों के साथ न्याय करें। साथ ही उन्होंने कहा कि इस पेपर लीक मामले में सरकार के खिलाफ छात्रों के हक की लड़ाई हम सड़के से संसद तक पूरी मजबूती के साथ लड़ेंगे।