आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने नीट परीक्षा के मुद्दे पर बीजेपी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर बहुत चर्चा करते थे, लेकिन आज जब पूरा देश और लाखों विद्यार्थी प्रधानमंत्री को नीट के पेपर पर चर्चा के लिए कह रहे हैं तो प्रधानमंत्री कहीं नजर नहीं आ रहे। नीट की परीक्षा पर कोई चर्चा करने को तैयार नहीं है। कैसे नीट का पेपर लीक हुआ, कैसे कई कई बच्चों के पूरे मार्क्स आए और किस प्रकार से एक भाजपा नेता के एग्ज़ाम सेंटर पर ग्रेस मार्क्स देकर पूरे नंबर दिए जाते हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और इस पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन अब प्रधानमंत्री परीक्षा पर चर्चा नहीं करते।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐसे व्यक्ति धर्मेंद्र प्रधान को देश का शिक्षा मंत्री बना दिया है जिसने शिक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर एक शब्द भी नहीं लिखा। जब पूरे देश में चर्चा होने लगती है कि शिक्षा मंत्री शिक्षा के बारे में ही बात नहीं करते तब जाकर उनके मुंह से नीट की परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर शब्द निकलते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इन्ही धर्मेंद्र प्रधान को हरियाणा में चुनाव प्रभारी बनाकर भेज दिया। हरियाणा के युवा की नजर में धर्मेंद्र प्रधान वो विलेन हैं जिसने उनका भविष्य बर्बाद किया है। शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की जगह भाजपा ने शिक्षा मंत्री को हरियाणा का चुनाव प्रभारी बना दिया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री से शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कराना चाहिए। उनको चुनव लड़ाने की मशीनरी में इस्तेमाल करना दिखाता है कि बीजेपी की प्राथमिकता शिक्षा नहीं है। बल्कि बीजेपी की प्राथमिकता हमेशा से चुनाव रहा है। बीजेपी चुनाव के लिए युवाओं का भविष्य भी दांव पर लगा सकती है। धर्मेंद्र प्रधान को हरियाणा का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। इसलिए हरियाणा में आने से पहले उनको याद रखना चाहिए कि नीट की परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों में बेहद गुस्सा है। नीट की परीक्षा में क्या धांधली हुई, इसमें बीजेपी के कौने से नेताओं का हाथ है और नीट के पेपर को लीक करने की साजिश किसके सरंक्षण में रची गई, इसकी जांच कराने के बाद ही शिक्षा मंत्री विद्यार्थियों के लिए कोई जवाब लेकर हरियाणा में आना। नहीं तो हरियाणा के विद्यार्थी काले झंडे के साथ उनका स्वागत करेंगे।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रबंधन तो छोड़िए हरियाणा के विद्यार्थी धर्मेंद्र प्रधान को एक सभा भी नहीं करने देंगे। इसलिए धर्मेंद्र प्रधान सबसे पहले एक शिक्षा मंत्री होने का दायित्व निभाएं और इस पूरी नीट परीक्षा की जांच कराकर सही तरीके से पता लगाएं कि कौन से बीजेपी के नेता इस षड्यंत्र में शामिल हैं। इसकी सही से जांच करके विद्यार्थियों को उत्तर मिलना चाहिए और यदि दोबारा परीक्षा की जरूरत है तो परीक्षा होनी चाहिए। बच्चों के भविष्य के लिए धर्मेंद्र प्रधान को काम करना पड़ेगा तभी शिक्षा मंत्री के तौर पर उनकी हरियाणा में भी एंट्री हो पाएगी।