भारत और मालदीव में इस साल की शुरुआत से विवाद बना हुआ है। भारत और मालदीव के रिश्ते में खटास आ गई है। पाकिस्तान की तरह ही मालदीव अब चीन की गुलामी पर उतर आया है। मगर भारत का सबसे अच्छा पड़ोसी चीन का गुलाम बन जाए यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तनिक भी रास नहीं आ रही।
यही वजह है कि मोदी 3.0 में मालदीव और भारत के बेपटरी हुए रिश्ते को पटरी पर लाने की कवायद तेज हो गई है। इसलिए उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने के बाद अब सब गिले शिकवे दरकिनार कर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को ईद-उल-अजहा के मौके पर बधाई दी है।
दोनों देशों के संबंधों में खटास
बता दें, पिछले साल नवंबर में चीन के समर्थक रहे मुइज्जू के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई है।
बकरीद की शुभकामनाएं
मालदीव के भारतीय उच्चायोग ने राष्ट्रपति और मालदीव के लोगों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की बकरीद की शुभकामनाएं साझा कीं। सोशल मीडिया मंच एक्स पर भारतीय उच्चायोग ने लिखा, ‘ईद-उल-अजहा के मौके पर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और यहां के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।’
अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने इस त्योहार में निहित त्याग, करुणा और भाईचारे के मूल्यों पर जोर दिया, जो एक शांतिपूर्ण और समावेशी दुनिया के निर्माण में आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि भारत की बहु-सांस्कृतिक विरासत के हिस्से के रूप में पूरे भारत में उत्सव को उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा।
इसलिए बना हुआ है तनाव
दरअसल पिछले साल मालदीव ने मुइज्जू की सरकार बनी। मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है। सरकार में आते ही मुइज्जू ने भारत विरोधी कई कदम उठाए,जिसकी वजह से रिश्ते खराब हो गए। मालदीव से भारतीय सेना की वापसी और पीएम मोदी के लक्ष्यदीप दौरे पर टिप्पणी ये कुछ उदाहरण हैं। मालदीव इससे पहले भारत का अच्छा पड़ोसी रहा है।
यह है मामला
गौरतलब है, PM मोदी तीन जनवरी को लक्षद्वीप के दौरे पर गए थे। उन्होंने छह जनवरी को वहां की खूबसूरती से जुड़ी तस्वीरें साझा कर कहा था, ‘प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।’ इसके बाद लक्षद्वीप और मालदीव की तुलना होने लगी। इस पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारत के खिलाफ अपमान टिप्पणी की थी। इस पर भारत के लोगों में गुस्सा भड़क गया और जमकर आलोचना की थी। ये आलोचना इस नौबत तक जा पहुंची कि सोशल मीडिया में हैशटैग ‘बॉयकॉट मालदीव’ ट्रेंड करने लगा था। बॉयकॉट के चलते मालदीव को भारी नुकसान हुआ। कई हस्तियों समेत भारतीयों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी।
भारत को दिया है अपने सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश
इस राजनयिक विवाद के भड़कने से पहले, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले नवंबर में शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर, भारत से अपने 88 सैन्य कर्मियों को देश से वापस लेने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि उनकी उपस्थिति उनके देश की संप्रभुता के लिए खतरा थी। अपने चीन समर्थक झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने घोषणा की है कि 10 मई तक सभी 88 कर्मियों की स्वदेश वापसी के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक कि नागरिक भी मालदीव में मौजूद नहीं रहेगा।