भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल पेमेंट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म शुरू करने वाला है। ताकि आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके पेमेंट के दौरान होने वाले जोखिम को कम किया जा सके। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसके लिए आरबीआई ने एनपीसीआई के पूर्व एमडी और सीईओ एपी होता के नेतृत्व में एक समिति बनाई है। इसमें डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म स्थापित करने के लिए एक प्लेटफॉर्म स्थापित करने के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी। समिति दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।
सभी प्लेटफॉर्मों के बीच रियल टाइम डेटा होगा शेयर
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कई बार लोगों के साथ कई प्रकार के फ्रॉड हो जाते हैं। पेमेंट इकोसिस्टम (बैंक, एपीसीआई, कार्ड नेटवर्क और पेमेंट ऐप्स) की ओर से ग्राहकों को बचाने के लिए अलग-अलग तरह के कदम उठाए गए हैं। ऐसे में नेटवर्क लेवल की इंटेलिजेंस की आवश्यकता है, जिससे सभी प्लेटफॉर्मों के बीच रियल टाइम डेटा शेयर किया जा सके।
फ्रॉड को कम करने की जरूरत
शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे लोगों का इनके प्रति विश्वास बढ़े। इस विश्वास को बनाए रखने के लिए फ्रॉड को कम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आरबीआई सुरक्षा बढ़ाने के उपाय के रूप में वार्षिक हैकाथॉन का भी आयोजन किया जा रहा है, जिससे प्रमुखता वाले क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके।
‘हार्बिंगर 2024 – इनोवेशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन’
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक हैकथॉन के तीसरे संस्करण, ‘हार्बिंगर 2024 – इनोवेशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन’ की दो बड़ी थीम ‘शून्य वित्तीय धोखाधड़ी’ और ‘दिव्यांगों के अनुकूल होना’ होगी। इस संबंध में अधिक जानकारी जल्द दी जाएगी।