हरियाणा सरकार द्वारा किसानों और खेतीहर मजदूरों के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना में आयु सीमा को समाप्त करने का बड़ा फैसला लिया है। अब 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों को भी योजना के तहत लाभ मिल सकेगा। इस योजना के अंतर्गत किसानों, खेतीहर मजदूरों, मार्केट यार्ड में काम करने वाले मजदूरों को कृषि मशीनरी पर कार्य करने के दौरान मृत्यु या अंगहानि होने पर 37,500 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में वीरवार को चंडीगढ़ में हुई कृषि एवं किसान कल्याण, बागवानी विभाग और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवर पाल भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बिंदुवार सभी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। श्री नायब सिंह ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि सभी परियोजनाओं को तय समयावधि में पूरा किया जाए। किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही आगामी 15 जुलाई से कालका में सेब मंडी में भी कार्य शुरू किया जाए। बैठक में बताया गया हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा प्रदेश की 40 मंडियों में अटल मजदूर कैंटीन चलाई जा रही है। इन कैंटीनों में कोई भी नागरिक विशेषकर किसान व मजदूर मात्र 10 रुपये में भरपेट भोजन कर सकते हैं। पहले यह कैंटीन सीजन के अनुसार चलाई जाती थी, लेकिन पिछले 4 माह से अब यह कैंटीन सालभर के लिए चलाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कई परियोजनाएं जमीन की उपलब्धता न होने या अन्य विभाग से मंजूरी न मिलने के कारण देरी से क्रियान्वित होती है। ऐसे सभी मामलों के समाधान के लिए पीएम गति शक्ति की तर्ज पर प्रदेश में भी हरियाणा गति शक्ति बनाया जाए। सभी विभागों को इस एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाए ताकि ऐसी जो भी परियोजनाएं हों, जहां एक से ज्यादा विभाग शामिल हों, वे अपने मामलों का त्वरित समाधान करें। साथ ही, जिला उपायुक्त स्तर के मुद्दों को भी हरियाणा गति शक्ति में सुना जाएगा और उनका हल निकाला जाएगा। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में खेतों को जाने वाले 5 करम के अधिकतर रास्तों को पक्का किया जा चुका है। जहां 5 करम के रास्तों की चौड़ाई बीच-बीच में कम है, ऐसे लगभग 490 किलोमीटर लंबाई के रास्ते शेष हैं, जिन्हें पक्का किया जाना है। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि एक प्रोजेक्ट बनाकर ऐसे बचे हुए सभी 5 करम के रास्तों को पक्का किया जाए। इसके अलावा, मंडी बोर्ड की जो भी सड़कें खराब हैं, उनकी विशेष मरम्मत कराई जाए। 10 दिनों में समुचित प्लानिंग करके टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाए।