Amritpal Singh-Engineer Rashid: भारत का 18वां लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है और नतीजे भी सामने आ चुके हैं। इस लोकसभा चुनाव परिणामों में दो प्रत्याशियों की जीत की चर्चा बाकियों से थोड़ी अधिक है। ये दो कैंडिडेट्स हैं, अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल राशिद। इन उम्मीदवारों की जीत, चर्चा में होने की वजह है इसका आतंकवाद और देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद होना।
अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। जबकि शेख अब्दुल राशिद को कश्मीर घाटी के बारामुल्ला से जीत मिली है। इनकी जीत की चर्चा के बीच लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा है कि जेल में बंद ये दोनों क्या पद की शपथ ले पाएंगे? साथ ही लोग ये भी जानना चाहते हैं कि क्या ये दोनों संसद के सत्र का हिस्सा बन पाएंगे?
जेल में बंद अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल राशिद ले पाएंगे शपथ? पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल राशिद को कानूनी तौर पर 18वीं लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया गया है। लेकिन उन्हें संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने का संवैधानिक अधिकार है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या ये दोनों लोग पद की शपथ ले पाएंगे? बता दें, चुनाव आयोग की ओर से 4 जून को घोषित परिणामों के अनुसार, जेल में बंद सिख धर्मगुरु अमृतपाल सिंह को खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से जीत मिली है। वहीं, इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल राशिद को कश्मीर के बारामुल्ला से सांसद चुना गया है। कथित तौर पर टेरर फंडिंग के आरोप में इंजीनियर राशिद 9 अगस्त, 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। जबकि असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
संविधान के जानकारों का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद शपथ लेना एक संवैधानिक अधिकार है। अगर जीतने वाला उम्मीदवार जेल में है, तो उसे अधिकारियों से शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद ले जाने के लिए कहना चाहिए। हालांकि, शपथ लेने के बाद उन्हें वापस जेल जाना होगा।
संविधान के अनुच्छेद 101 (4) में अध्यक्ष की जानकारी के बिना दोनों सदनों से सांसदों की अनुपस्थिति शामिल है। जिसके अनुसार शपथ ग्रहण समारोह के बाद, अध्यक्ष को सदन से उनकी अनुपस्थिति के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद अध्यक्ष सदन की अनुपस्थिति संबंधी समिति को सदन में उपस्थित न होने की उनकी असमर्थता के बारे में सूचित करेंगे। इसके बाद समिति यह सिफारिश करती है कि क्या सांसद को सदन की कार्यवाही में उपस्थित होने में असमर्थता को ध्यान में रखते हुए उन्हें अनुपस्थित होने दिया जाना चाहिए? फिर इस सिफारिश को आगे बढ़ाया जाता है। इसके बादअध्यक्ष इसे सदन में मतदान के लिए रखते हैं।
क्या जीत के बाद भी अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल राशिद खो सकते हैं अपनी सीट?
2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार यदि किसी सांसद को दो साल या उससे अधिक की जेल होती है तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। ऐसे में यदि इंजीनियर राशिद या अमृतपाल सिंह दोषी पाए जाते हैं और उन्हें दो साल या उससे आदिक की जेल होती है, तो वे लोकसभा में अपनी सीट खो देंगे। हालांकि इस फैसले से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(4) को हटा दिया गया है। इससे तहत दोषी सांसदों और विधायकों को अपने अभियोग के खिलाफ अपील करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाता है।