व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में शपथ ली। रूस के इतिहास में इस जगह का काफी महत्व है। यहीं पर रूस के जार परिवार के कई राजाओं की ताजपोशी हुई थी।
पुतिन ने शपथ लेने के बाद पहले पहले ही संबोधन में पश्चिमी देशों और नाटो को चेतावनी दे डाली। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह पश्चिमी देशों पर निर्भर है कि वह रूस से बातचीत करना चाहते हैं या फिर रूस के विकास में बाधा डालने की कोशिश करते हुए हमारे गुस्से का शिकार होना चाहते हैं।
रूस में 15-17 मार्च को हुए चुनाव में पुतिन को 88 फीसदी वोट मिले थे। उनके विरोधी निकोले खारितोनोव को सिर्फ 4 फीसदी वोट मिले थे। इसके साथ ही पुतिन ने अपने लिए कम से कम एक और 6 साल का कार्य सुरक्षित कर लिया है। मंगलवार को क्रेमलिन में आयोजित उद्घाटन समारोह में रूस के शीर्ष सैन्य और राजनीतिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने रूस के चुनावों को एक दिखावा बताकर इसे खारिज कर दिया और अपना प्रतिनिधि भेजने से इनकार कर दिया।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को कहा, “हमने निश्चित रूप से उस चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं माना, लेकिन वह रूस के राष्ट्रपति हैं और उस पद पर बने रहेंगे।” पुतिन ने इससे पहले साल 2000 में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से 2004, 2012 और 2018 में भी वे राष्ट्रपति बन चुके हैं। रूस में पहले राष्ट्रपति पद का कार्यकाल 4 साल का होता था। बाद में पुतिन ने इसमें संशोधन करवाकर इसे 6 सालों का कर दिया। पुतिन ने अपने भाषण में कोई नई नीति का विवरण नहीं दिया, हालांकि विश्लेषकों को उम्मीद है कि वह इस सप्ताह के अंत में अपनी सरकार में कुछ बदलाव करेंगे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने टीवी चैनल वन को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज राज्य ड्यूमा की मंजूरी के लिए नए प्रधानमंत्री के लिए एक उम्मीदवार का प्रस्ताव रख सकते हैं।