कांग्रेस दिल्ली अध्यक्ष का ऐसे पार्टी छोड़कर भाजपा में जाना विपक्ष के लिए बड़ा झटका है। जिसका सीधा असर दिल्ली लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।
दरअसल, लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया के साथ अनबन और आप-कांग्रेस सीट शेयरिंग से नाराज होकर पद छोड़ा था। दावा किया जा रहा है कि 28 अप्रैल को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले लवली टिकट ना मिलने से उन नेताओ में शामिल थे, जिनमें असंतोष था। 4 मई को दिल्ली में मतदान से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पूर्व कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए। कांग्रेस के पूर्व विधायक राज कुमार चौहान, नसीब सिंह, नीरज बसोया और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित मलिक दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में भाजपा में शामिल हुए।
दिल्ली में कांग्रेस को नुकसान?
अरविंदर सिंह लवली के दिल्ली कांग्रेस से जाने के बाद गठबंधन दल आम आदमी पार्टी को कांग्रेस से ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। क्योंकि कांग्रेस नेताओं का ऐसे पार्टी छोड़ना हार्डकोर वोटर्स में निगेटिव संदेश दे रहा है। इसके अलावा दिल्ली का प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते उनका भी जन आधार है। जिसका फर्क भी इस चुनाव में पड़ सकते है।
पूर्वी दिल्ली सीट पर होगा बड़ा असर
दरअसल, लवली के बीजेपी में आने की चर्चाओं से पहले अटकलें लगाई जाने लगी थी कि पूर्वी दिल्ली सीट से हर्ष मल्होत्रा की जगह अरविंदर सिंह लवली उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं। हालांकि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने वीरेंद्र सचदेवा ने साफ कहा कि हमारे एकमात्र प्रत्याशी हर्ष मल्होत्रा हैं। ऐसे में इस सीट पर अब भाजपा को लवली का साथ मिल गया है, जिसके सीधा असर कांग्रेस पर पड़ेगा।