चुनावी मौसम में हेलीकॉप्टर की डिमांड बढ़ गई है. डिमांड बढ़ने के साथ ही हेलीकॉप्टर कंपनियों की कमाई भी दोगुनी हो गई है. पांच साल के भीतर ही हेलीकॉप्टर से प्रचार करने वाले नेताओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. साल 2019 के मुकाबले 2024 में हेलीकॉप्टर की मांग एक तिहाई बढ़ गई है. मांग इतनी ज्यादा है कि हेलीकॉप्टर की संख्या कम पड़ गई है. वैसे तो आम तौर पर हेलीकॉप्टर का किराया डेढ़ लाख से ढाई लाख रुपए तक होता है. लेकिन मौसम चुनावी है तो हेलीकॉप्टर कंपनियों ने मौके का फायदा उठाना शुरू कर दिया. अब आलम ये है कि एक-एक घंटे का किराया 4-4 लाख रुपए तक पहुंच गया है.. सामान्य तौर पर हेलीकॉप्टर और चार्ट्ड प्लेन का क्या किराया होता है. ये भी जान लेते हैं . चार्टर्ड विमान के लिए किराया करीब 4 से 5 लाख रुपए प्रति घंटे, यानी एक मिनट का खर्च 8 हजार रुपए से भी ज्यादा है. जबकि दो इंजन वाले हेलीकॉप्टर के लिए 1.5 लाख से 1.7 लाख रुपए होते हैं .
देश भर में करीब 250 हेलीकॉप्टर है
इनमें से 100 से सवा सौ का इस्तेमाल तो सिर्फ लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए किया जा रहा. लेकिन 543 लोकसभा क्षेत्रों में फैले देश भर में सिर्फ उड़नखटोले से प्रचार करना महंगा साबित हो रहा.
हेलीकॉप्टर बुकिंग में ये खर्च भी शामिल
हेलीकॉप्टर बुकिंग में किराया के अलावा दूसरे खर्च भी शामिल होते हैं. जैसे क्रू मेंबर के लिए खानपान, होटल में ठहरने की जगह समेत पार्किंग का खर्च शामिल होता है. इससे हेलीकॉप्टर का किराया कई गुना बढ़ जाता है. इससे कंपनियों को ज्यादा फायदा होता है. चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को दूर दराज के इलाकों में जाना पड़ता है. कई इलाकों में तो ठीक से सड़कें भी नहीं होती. ऐसे में हेलीकॉप्टर ना सिर्फ वक्त बचाता है. बल्कि नेताओं को थकान से भी दूर कर देता है. कई कई नेताओं को एक दिन में 4 से 5 रैलियों को संबोधित करना पड़ता है. ऐसे में हेलीकॉप्टर की एक मात्र ऐसा मुफीद वाहन है. जो हर पार्टी और हर बड़े नेता के लिए फिट बैठता है.
बीजेपी और कांग्रेस जैसे बड़ी पार्टियों के अलावा कई पार्टियां करती हैं बुक
क्षेत्रीय पार्टियों ने भी हेलीकॉप्टर की बुकिंग बड़े पैमाने पर की है. लेकिन बीजेपी ने हेलीकॉप्टर बुकिंग में बाजी मार ली है. ढाई सौ हेलीकॉप्टर में से बीजेपी ने करीब 80 फीसदी बुकिंग पहले ही कर ली है. यही वजह है कि उसके चुनाव प्रचार के दौरान उसके ज्यादा हेलीकॉप्टर मंडरा रहे हैं. नेताओं के हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग भी अलर्ट है. चुनाव आयोग ने एयरपोर्ट, एयरलाइंस और हेलीकॉप्टर कंपनियों के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं. ताकि हेलीकॉप्टर के जरिए लेन देन पर नजर रखी जा सके.