Biden on US Protest: गाजा के समर्थन में छात्रों के प्रदर्शन को बेरहमी से कुचलने के बाद अब जो बाइडेन को फ्रीडम ऑफ स्पीच याद आ गई है। और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को विरोध के अधिकार का बचाव किया है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा, कि “कानून व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।”
गाजा के समर्थन में अमेरिका के दर्जनों कॉलेजों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं और प्रदर्शनकारी छात्रों पर अमेरिकी पुलिस ने थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया है। छात्रों पर आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियों का इस्तेमाल करने के साथ साथ सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार और सस्पेंज किया गया है।
दुनियाभर को फ्रीडम ऑफ स्पीच पर ज्ञान देने वाला अमेरिका, छात्रों के प्रदर्शन को एक हफ्ते भी नही बर्दाश्त कर पाया, जिसके बाद बाइडेन प्रशासन की पूरी दुनिया में आलोचना की जा रही है और अब जाकर, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चुप्पी तोड़ी है।
गाजा प्रदर्शन पर बाइडेन ने तोड़ी चुप्पी
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा, कि “लोकतंत्र के लिए असहमति आवश्यक है। लेकिन असहमति से कभी भी अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए।” डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति ने यह भी कहा, कि विरोध प्रदर्शनों के कारण उन्हें युद्ध के प्रति अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार नहीं करना पड़ा। बाइडेन ने कभी-कभी इजराइल के हमले की आलोचना तो की है, लेकिन वो अभी भी इजराइल को हथियारों की आपूर्ति जारी रखे हुए हैं।
बाइडेन ने कहा, कि कैंपस विरोध प्रदर्शन ने उन्हें अपनी मध्य पूर्व नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित नहीं किया है, और वह कॉलेजों में नेशनल गार्ड को भेजने का विरोध करते हैं। उत्तरी कैरोलिना की यात्रा के लिए व्हाइट हाउस से निकलने से कुछ समय पहले की उनकी टिप्पणी, विरोध प्रदर्शनों के बारे में कई दिनों की चुप्पी के बाद आई है। रिपब्लिकन पार्टी ने अशांति के दृश्यों को अपने चुनावी अभियान में शामिल कर लिया है। रिपब्लिकनंस का कहना है, कि बाइडेन अपने राजनीतिक फायदे के लिए अराजक हालात बनने दे रहे हैं, लेकिन बाइडेन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “यह राजनीति का क्षण नहीं, बल्कि यह स्पष्टता का क्षण है।” छात्रों के विरोध प्रदर्शनों पर जो बाइडेन की पिछली सार्वजनिक टिप्पणी करीब एक हफ्ते पहले आई थी, जब अमेरिका में प्रदर्शनकारियों ने ‘यहूदी विरोधी’ नारे लगाए थे। विरोध प्रदर्शनों पर बिडेन की आखिरी पिछली सार्वजनिक टिप्पणी एक सप्ताह से अधिक समय पहले आई थी जब उन्होंने “यहूदी विरोधी नारों” की निंदा की थी। वहीं, बुधवार को प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा था, कि बाइडेन “स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं” और उन्होंने कहा, कि कुछ प्रदर्शनों ने उस रेखा को पार कर लिया है, जो फ्री स्पीच को गैरकानूनी व्यवहार से अलग करती है। आपको बता दें, कि अमेरिका के दर्जनों कॉलेजों में प्रदर्शन चल रहे हैं और गाजा युद्ध को रोकने में बाइडेन प्रशासन पर नाकामी का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, अरब मुस्लिमों ने चुनाव में बाइडेन का बहिष्कार करने की धमकी दी है, जिससे ट्रंप के खिलाफ पहले से ही कमजोर दिख रहे बाइडेन और कमजोर माने जा रहे हैं।