नई दिल्ली मिडिल ईस्ट में अपने संबंधों का विस्तार करना चाहता है, जहां बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनाव प्रमुख शिपिंग मार्गों को खतरे में डाल रहे हैं। एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया है, कि “इससे भारत को एक रणनीतिक साझेदार और अस्थिर क्षेत्र में प्रमुख व्यापार मार्गों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।”
भारत और ओमान में होने वाली है ट्रेड डील हालांकि, भारत और ओमान के बीच वार्षिक व्यापार फिलहाल 13 अरब डॉलर से कम है, लेकिन यह रिश्ता नई दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ओमान, भारत और ईरान के बीच होर्मुज जलडमरूमध्य का प्रवेश द्वार है, जो वैश्विक तेल शिपमेंट के लिए एक प्रमुख ट्रांजिट प्वाइंट है। हालांकि, भारत में फिलहाल लोकसभा चुनाव चल रहे हैं, लिहाजा इस ट्रेड डील पर फिलहाल समझौता नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है, कि अगर मोदी सरकार फिर से सत्ता में आती है, तो ओमान के साथ व्यापार समझौते पर जल्द ही दस्तखत कर लिए जाएंगे।
भारत के व्यापार और विदेश मंत्रालय और भारत में ओमान के दूतावास और विदेश मंत्रालय ने फिलहाल इस ट्रेड डील को लेकर रॉयटर्स के ईमेल का जवाब नहीं दिया। लेकिन, भारत समझौते पर थोड़ी प्रगति के बाद ओमान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सदस्यों के साथ द्विपक्षीय संबंधों की ओर रुख किया है। अधिकारी ने कहा, ओमान के साथ नियोजित सौदा “प्रतिस्पर्धी बढ़त भी देता है क्योंकि जीसीसी पाकिस्तान और चीन के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है।” अधिकारियों ने कहा, कि ओमान कृषि उत्पादों, रत्न और आभूषण, चमड़ा, ऑटोमोबाइल, चिकित्सा उपकरणों, इंजीनियरिंग उत्पादों और कपड़ों सहित वार्षिक 3 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात पर आयात शुल्क खत्म करने पर सहमत हो गया है। वहीं, भारत ने ओमान से कुछ पेट्रोकेमिकल्स, एल्यूमीनियम और तांबे पर आयात शुल्क कम करने पर सहमति जताई की है। भारत और ओमान के बीच ट्रेड डील पर यह प्रगति, पिछले साल दिसंबर में ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की भारत यात्रा के बाद हुआ है, जहां उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की थी, जिसमें एक नई ‘भारत-ओमान संयुक्त दृष्टि, एक साझेदारी’ को अपनाया दया था जिसमें 10 आवश्यक क्षेत्रों ध्यान केंद्रित करने की बात कही गई थी। आपको बता दें, कि भारत और ओमान के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित दीर्घकालिक मित्रता रही है। इसके अलावा, भारत और ओमान के बीच लोगों के बीच के संपर्क का आधार करीब 5,000 साल पुराना है। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 1955 में स्थापित हुए थे और 2008 में इसे रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया था।
मिडिल ईस्ट में जियो-पॉलिटिकल तनाव
गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल का युद्ध, ईरान के साथ शत्रुता तक फैल गया है, और यमन के ईरान-गठबंधन हूथी आतंकवादियों ने गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता का दावा करते हुए, लाल सागर क्षेत्र में बार-बार ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। इससे वैश्विक शिपिंग में बाधा उत्पन्न हुई है और जहाजों को लाल सागर मार्ग से बचने और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अफ्रीका के माध्यम से लंबे समुद्री मार्ग का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यमन के हूथी विद्रोहियों ने शुक्रवार को लाल सागर में एंड्रोमेडा स्टार तेल टैंकर को निशाना बनाया था। एंड्रोमेडा स्टार, जो रूस से व्यापार में जुड़ा हुआ है, वो रूस के प्रिमोर्स्क से भारत के वाडिनार आ रहा था। लिहाजा, ओमान के साथ ट्रेड डील भारत के लिए भविष्य में नये ट्रेड रूट को खोल सकता है।