चंडीगढ़ : हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को किसानों के साथ मजाक बताया है। उन्होंने कहा कि इस योजना में इतनी खामियां हैं कि ज्यादातर किसानों को इसका कोई फायदा नहीं होने वाला है। न तो इसमें व्यापकता है और न ही समग्रता।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि खरीफ सीजन से शुरु होने वाली इस योजना में जरूरी संशोधन किए जाएं। यहां जारी एक बयान में पूर्व आबकारी और कराधान मंत्री ने कई ऐसे कारण बताएं हैं जिनके कारण यह योजना पूरी तरह से अप्रभावी और किसानों के लिए बगैर फायदे होकर रह गई है।
उन्होंने कहा है कि योजना में सभी तरह की फसलों को सम्मिलित नहीं किया गया है। किसानों को नहीं बल्कि गांवों को लाभार्थी यूनिट के तौर पर तय किया गया है। यदि किसी गांव की पूरी फसल बर्बाद होती है तब ही बीमा योजना का फायदा किसानों को मिलेगा।
इसके अलावा योजना में अत्यधिक गरमी,ठंड या पाले से फसलों के नुकसान को प्राकृतिक आपदा से नुकसान की श्रेणी में नहीं रखा गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इस योजना का प्रारूप किसानों के बजाए बीमा कंपनियों के हितों को ज्यादा सुरक्षित रखने के लिए तैयार किया गया है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि आज किसान खुद को ठगा हुआ, बैचेन व हतोत्साहित महसूस कर रहे है।
चौधरी ने मांग की है कि मुआवजे के लिए योजना में एक एकड़ को एक यूनिट माना जाए। यदि किसानों को दावे का भुगतान नहीं होता है तो उन्हें एक उपभोक्ता के अधिकारों को दिया जाए क्योंकि वे योजना में मुफ्त में नहीं बल्कि कुछ भुगतान करके इसमें शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा सभी तरह की फसलों को बीमा योजना के दायरे में लाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसानों को ठगने का भाजपा सरकार का पुराना रिकार्ड रहा है। भाजपा सरकार दावा करती रही है कि हरियाणा में कोई सूखा नहीं है लेकिन बारिश के रिकार्ड से जाहिर होता है कि कम से कम चार जिलों में तीस फीसदी से कम बारिश हुई है। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार यदि कहीं पर 25 फीसदी या उससे ज्यादा की कमी बारिश में रिकार्ड होती है तो सूखा घोषित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि लेकिन कांग्रेस पार्टी किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और इस बात को सुनिश्चित करेगी कि एनडीए की सरकार द्वारा उनके हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे और उनको उनका बाजिव हक हर हाल में मिले।