कहा-हड़ताल होने से सबसे ज्यादा प्रभावित होती है जनता
डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की जान पर बन आती है तो कई की चली जाती है जान
पटवारी और कानूनगो की हड़ताल से किसान और जनता होती है परेशान, राजस्व का होता है नुकसान
सिरसा, 27 दिसंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार कानों में तेल डालकर सो रही, आम आदमी, किसान, कर्मचारी, अधिकारी और डॉक्टर अपनी जायज मांगों को लेकर चीख रहे हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है ऐसे में उन्हें धरना, प्रदर्शन और हड़ताल का सहारा लेना पड़ रहा है, इन दोनों की जंग में बेचारी जनता पिस रही है। ऐसे हालात में सरकार कौन से सुशासन का दावा करती है, अगर यही सुशासन है तो जनता को ऐसे शासन की जरूरत नहीं है समय आने पर वह इस सरकार को बाहर का रास्ता दिखाकर रहेगी।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि ऐसा लगता है कि गठबंधन सरकार ने सुनवाई के सारे रास्ते बंद कर दिए है वहां केवल जनता को उपदेश देती है जनता की सुनती नहीं है। जो सरकार गूंगी और बहरी होती है वहां की जनता कभी सुखी जीवन व्यतीत नहीं करती। पहले किसान आंदोलन चला पर सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की और झूठे आश्वासन देकर किसानों की हड़ताल खत्म करवा दी हकीकत तो ये है कि आज भी कोई वायदा ईमानदारी से पूरा नहीं किया, किसानों को परेशान करने के लिए कोई न कोई रास्ता छोड़ दिया। कर्मचारी और अधिकारी भी आज अपने हकों के लिए धरना, प्रदर्शन और हड़ताल का सहारा ले रहे हैं। सरकार इनके पीछे विरोधियों को हाथ बताकर बैठ जाती है जबकि सच्चाई जनता तो जानती है सरकार भी जानती है पर मानती नहीं हैं। यही वजह है कि आज हरियाणा की जनता स्वयं को कोस रही है कि क्या सोचकर इस सरकार को चुना था, आने वाले चुनाव में जनता अपनी भूल का सुधार करते हुए इस सरकार को सबक जरूर सिखाएंगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के पटवारियों और कानूनगो ने विभिन्न मांगों को हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। पटवारियों और कानूनगो का कहना है कि सरकार के साथ कुछ मांगों पर समझौता हुआ था पर सरकार उसे भी लागू नहीं कर रही है। राजस्व पटवारियों का वेतनमान 25500 से बढ़ाने पर सहमति हुई थी और न ही वेतन विसंगति दूर की गई है। वेतन विसंगति दूर करने के लिए कई बार कहा गया पर कोई सुनवाई न हुई और हर पटवारियों और कानूनगो ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ऐसे में आज तक किसी को पता नहीं चल पाया कि सरकार चाहती क्या हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर प्रदेश के 3000 डॉक्टर हड़ताल पर है और उनकी मांग न मानी तो 29 दिसंबर से वे पूर्ण हड़ताल पर चल जाएंगे ऐसे में मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है। डॉक्टरों की हड़ताल से पहले भी कई बार मरीजों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार को हठधर्मिता छोड़कर कर्मचारियों, अधिकारियों और डॉक्टरों की बात सुननी चाहिए क्योंकि सत्ता के मद में चूर सरकार को जनता सत्ता से बाहर का ही रास्ता दिखाती है।
——————————————————————————————————————
:-The State Government is ignoring the demands of employees and officers:-Kumari Selja
:-The Government Employees are going on strikes every day Due to government policies:-Kumari Selja
:-The claim of good governance by the government in Haryana has been exposed:-Kumari Selja
:-The public is being affected by the daily protests and demonstrations in the state:-Kumari Selja
:-The Strike by doctors poses a threat to the lives of patients:-Kumari Selja
:-The Every Section is distressed Under the BJP-JJP Alliance Government:- Kumari Selja
:-The Officials, Employees, and farmers in the state are becoming victims of the government’s dictatorship:-Kumari Selja
:-The Strike by Patwaris and Kanungos in Haryana troubles the farmers and the public:-Kumari Selja
Chandigarh, 27th December
The General Secretary of the All India Congress Committee, former Union Minister, former State President of the Haryana Congress Committee, and in-charge of Uttarakhand, Kumari Selja said that the BJP-JJP government appears completely unaware. The common people, farmers, employees, officers, and doctors are all struggling for their legitimate demands, but there is no hearing. In such a scenario, they are compelled to resort to protests, demonstrations, and strikes, causing distress to innocent people caught in this conflict. In such circumstances, the government claiming good governance is unnecessary; if this is governance, then the public doesn’t need such a regime, and when the time comes, they will show the way out to this government.
In a statement released to the media, Kumari Selja said that the alliance government has shut down all avenues of hearing and only provides advice to the public without listening to their grievances. Where the government remains mute and deaf, the public never leads a content life. Earlier, when the farmer’s agitation began, the government didn’t listen and instead, through false assurances, ended the farmers’ strike. The reality is that even today, no promise has been honestly fulfilled; some way to trouble the farmers has always been left. Even employees and officers today are resorting to protests and strikes for their rights. The government, instead of understanding them, sides with opponents, while both the truth and the public’s knowledge exist but aren’t acknowledged by the government. This is why today, the people of Haryana are questioning themselves as to why they chose this government, and in the upcoming elections, the public will rectify their mistake, teaching a lesson to this government.
She said that the patwaris and kanungos of the state have announced strikes on various demands. The patwaris and kanungos claim that there was an agreement on some demands with the government, but the government is not implementing even that. The salary of revenue patwaris was agreed to be increased from 25500, and the salary disparity was supposed to be addressed, but despite several requests, there has been no hearing, and all patwaris and kanungos have warned of an indefinite strike. Till now, nobody knows what the government wants. On the other hand, 3000 doctors of the state are on strike, and if their demands are not met, they will go on a complete strike from 29th December, which could endanger the lives of patients. Even before the doctors’ strike, many times patients’ lives have been lost. She said that the government should leave stubbornness aside and listen to the employees, officers, and doctors because a government blinded by power is already prepared to show the way out of power, and the people of the state are waiting for the time to teach a lesson through their votes in the future elections.