जयपुर। पिछले पांच साल में पेपर लीक जैसे मामले प्रदेश में सुर्खियों में रहे। जिसे लेकर नई सरकार ने आते ही सबसे पहले कदम उठाया। सीएम ने 15 दिसंबर को शपथ लेने के बाद पेपर लीक को लेकर एसआईटी व एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन करने के लिए कहा। अगले दिन डीजीपी उमेश मिश्रा ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन कर दिया। दोनों कार्रवाई के लिए दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं।
जानिए..नवगठित एसआईटी के बारे में..
एडिशनल डीजीपी तकनीकी सेवाएं वी के सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। यह टीम पेपर लीक के संबंध में दर्ज प्रकरणों में त्वरित जांच कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। अपराधियों की संपत्ति की जप्ती एवं कुर्की की कार्रवाई करेगी। इस इन्वेस्टिगेशन टीम में एक एडीजी, एक-एक आईजी, डीआईजी, एसपी, चार एडिशनल एसपी, आठ डीएसपी, 10 इंस्पेक्टर, एसआई, 10 एएसआई, हेड कांस्टेबल व 15 कांस्टेबल तथा कांस्टेबल कंप्यूटर ऑपरेटर सहित कुल 50 जने होंगे।
जानिए..नवगठित एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के बारे में..
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन एडिशनल डीजीपी क्राइम दिनेश एमएन के नेतृत्व में किया गया है। यह टीम मानवीय व तकनीकी सूचना संकलन कर अपराध करने वाले बदमाश या उनकी गैंग की पहचान करेगह। उनका डाटाबेस तैयार करेगी। न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर गैंगस्टर को सख्त सजा दिलवाने का कार्य करेगी। इस इन्वेस्टिगेशन टीम में एक एडीजी, एक-एक आईजी, डीआईजी,एसपी, दो एडिशनल एसपी, चार डीएसपी, चार इंस्पेक्टर, 12 एसआई व एएसआई , 40 हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल एवं कांस्टेबल कंप्यूटर ऑपरेटर कुल 65 पुलिस अधिकारी होंगे।