भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग की दिल्ली के हैदराबाद हाउस में दूसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता संपन्न हुई। इस दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों से जुड़े कई पहलुओं पर बारीकी से चर्चा की गई। इस दौरान भारत और कनाडा के बीच हुए विवाद की भी चर्चा हुई।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सबसे अच्छे मजबूत संबंध हैं। सोमवार को रक्षा मंत्री और मैंने ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स और विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ दूसरी 2+2 वार्ता की, जो एक सार्थक वार्ता थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ हुई बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे द्विपक्षीय व्यापार बेहद सकारात्मक रहे हैं। हमने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते, सीईसीए पर आगे बढ़ने के महत्व पर भी चर्चा की।
जयशंकर ने कहा कि हमने हिंद महासागर क्षेत्र में अपने काम के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सहयोग पर भी चर्चा की है। बता दें ऑस्ट्रेलिया अगले वर्ष फरवरी में हिंद महासागर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा।
एस जयशंकर ने कहा कि हमने आज क्वाड पर कुछ विस्तार से चर्चा की। क्वाड ने पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति की है। ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर हम सहयोग कर रहे हैं। सहयोग के अन्य नए क्षेत्र भी तलाशे जा रहे थे। जयशंकर ने कहा कि आज की चर्चा इस बात पर थी कि हम क्वाड में और क्या जोड़ सकते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने पेनी वोंग के साथ आतंकवाद, कट्टरवाद और उग्रवाद को लेकर भी खास चर्चा की है। इस चर्चा को करने के पीछे का एक मकसद यह भी रहा है कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा के मुद्दे पर भारत का दृष्टिकोण जान सके। हमारे दृष्टिकोण से, हमारा मुख्य मुद्दा वास्तव में वह है जो कनाडा में उग्रवाद और कट्टरवाद को स्थान दे रहा है। जयशंकर ने कहा, हमने एफएटीएफ समेत तमाम मंचों पर बहुत निकटता से सहयोग किया है। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों को केंद्र में रखते हुए भी उन पर विस्तार से चर्चा की गई है। पश्चिम एशिया या मध्य पूर्व के वर्तमान हालात क्या हैं… दक्षिण पूर्व एशिया, आसियान पर भी चर्चा हुई।
वहीं ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंधों पर ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा, ‘चीन एक ऐसा देश है जिसके साथ हम साझेदारी जारी रखेंगे। जहां संभव हो वहां सहयोग करेंगे, जहां हमें असहमत होना चाहिए वहां हम असहमत होंगे। हम अपने राष्ट्रीय हितों में का ध्यान रखेंगे।’ पेनी वोंग ने कहा-‘हमने हिंद महासागर क्षेत्र में अपने काम पर चर्चा की कि हम कैसे सहयोग कर सकते हैं। भारत महासागर सम्मेलन पर्थ में आयोजित किया जाएगा।’