Israel-Palestine War: क्या इजराइल गाजा पर कब्ज़ा करने की योजना बना रहा है? प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को एबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में यही संकेत दिया, जब वो हमास के खिलाफ युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार अमेरिकी मीडिया से बात कर रहे थे। नेतन्याहू ने अमेरिकी मीडिया को बताया, कि इज़राइल को “अनिश्चित अवधि” के लिए गाजा में भूमिका निभानी होगी।
नेतन्याहू ने यह टिप्पणी इजराइली सेना को लेकर उस बैकग्राउंड में की है, जिसमें इजराइली सेना ने कहा था, कि उसने गाजा शहर को घेर लिया है और जमीनी लड़ाई की तैयारी कर रही है। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं, कि आखिर गाजा पट्टी का क्या होगा? क्या हमास को खत्म करने के बाद इजराइली सेना फिर से गाजा पट्टी पर नियंत्रण स्थापित कर लेगी? क्या गाजा पट्टी का भी वेस्ट बैंक जैसा हाल हो जाएगा, आइये समझते हैं।
नेतन्याहू के बयान का मतलब क्या है?
यह पूछे जाने पर कि लड़ाई समाप्त होने के बाद गाजा का प्रशासन किसे सौंपना चाहिए, नेतन्याहू ने एबीसी न्यूज को बताया, कि.. “मुझे लगता है कि इजराइल के पास अनिश्चित काल के लिए पूरे गाजा की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी, क्योंकि हमने देखा है, कि जब हमारे पास (गाजा पर नियंत्रण नहीं होता) यह नहीं होता तो क्या होता है। जब हमारे पास वह सुरक्षा ज़िम्मेदारी नहीं है, तो हमारे पास हमास के आतंक का इतने बड़े पैमाने पर विस्फोट है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।”
इसके साथ नेतन्याहू ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए 200 से ज्यादा बंधकों की रिहाई के बिना संघर्ष विराम के किसी भी आह्वान को खारिज कर दिया। नेतन्याहू ने कहा, “हमारे बंधकों की रिहाई के बिना गाजा में कोई संघर्ष विराम, सामान्य संघर्ष विराम नहीं होगा।” उन्होंने आगे कहा, कि “जहां तक सामरिक छोटे विरामों की बात है, एक घंटा यहां या एक घंटा वहां। तो मुझे लगता है, कि हम पहले भी ऐसा करते रहे हैं, हम परिस्थितियों की जांच करेंगे, ताकि सामान, मानवीय सामान अंदर आ सकें, या हमारे बंधकों, व्यक्तिगत बंधकों को जाने में सक्षम बनाया जा सके। लेकिन मुझे नहीं लगता, कि कोई सामान्य युद्धविराम होने वाला है।” व्हाइट हाउस ने कहा, कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को एक टेलीफोन कॉल पर नेतन्याहू के साथ सीधे मानवीय ठहराव की आवश्यकता को उठाया था, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ।
यह पूछे जाने पर कि क्या इजराइली ऑपरेशन, बंधकों के जीवन को खतरे में डालता है, टाइम्स ऑफ इज़राइल ने नेतन्याहू के हवाले से कहा, “हम इसे ध्यान में रख रहे हैं।” नेतन्याहू ने दावा किया, कि “जब तक हमने ज़मीनी कार्रवाई शुरू नहीं की, उन पर बंधकों को रिहा करने का कोई दबाव नहीं था। हमने देखा कि जैसे ही हमने जमीनी कार्रवाई शुरू की, उनपर दबाव आ गया है।” वहीं, यह पूछे जाने पर, कि क्या इजराइल 7 अक्टूबर को हमास के हमले रोकने में नाकाम रहा है, तो बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, कि “बेशक”, लेकिन उन्होंने कहा, कि यह “युद्ध के बाद हल हो जाएगा।”
वेस्ट बैंक का क्या हाल है?
सबसे पहले, आइए वेस्ट बैंक की स्थिति को समझते हैं। वेस्ट बैंक इजराइल के पूर्व में स्थित है, जो यरूशलेम की सीमा पर स्थित है और इसपर इजराइल का पूरा नियंत्रण है। जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट पर स्थित वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी से करीब 93 किलोमीटर दूर है। इजराइल ने 1967 के युद्ध के दौरान वेस्ट बैंक पर कब्ज़ा कर लिया था, जब उसने मिस्र, जॉर्डन और सीरिया से लड़ाई की थी और उस लड़ाई को जीत लिया था। 6 दिनों तक चली लड़ाई के दौरान इजराइल ने गाजा पट्टी, पूर्वी येरुशलम और गोलान पहाड़ियों पर भी कब्ज़ा कर लिया। 1970 के दशक से, इजराइल ने पश्चिमी तट के पार, विशेष रूप से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में, बस्तियाँ बनाना जारी रखा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा अवैध माना गया है। वेस्ट बैंक वर्तमान में लाखों फिलिस्तीनियों का घर है, जो इसे अपने आध्यात्मिक घर और फिलिस्तीनी राज्य की प्राकृतिक राजधानी के रूप में देखते हैं।
फिलिस्तीनी प्राधिकरण, वेस्ट बैंक के अर्धस्वायत्त क्षेत्रों का प्रशासन करता है।
वेस्ट बैंक वह जगह भी है, जहां 500,000 इजरायली, जो वेस्ट बैंक को प्राचीन यहूदी राज्य के स्थान के रूप में मानते हैं और जहां यहूदियों के लिए कई पवित्र स्थल हैं, जहां उन्हें पहले पहुंच से वंचित कर दिया गया था, जैसे हेब्रोन में पैट्रिआर्क की गुफा, वहां बस गए हैं। अल जज़ीरा के मुताबिक, इजराइली कई कारणों से वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों का निर्माण कर रहे हैं। वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से में अब यहूदी बस्तियां पूरी तरह से बस गई हैं, जहां सरकार रहे के लिए भारी सब्सिडी देती है। वेस्ट बैंक में बसाई गई यहूदी बस्तियों में काफी कड़ी सुरक्षा होती है, लिहाजा वो अत्यधिक सुरक्षित होते हैं। बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने कार्यकाल के दौरान इन बस्तियों के निर्माण को काफी बढ़ावा दिया है, जबकि इजराइल की वामपंथी पार्टियां मानती हैं, कि ये टू स्टेट सॉल्यूशन नीति को कमजोर करती है।
हालांकि, इसके बाद भी वेस्ट बैंक हिंसा से भरा हुआ है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, हाल के वर्षों में इजरायली निवासियों द्वारा वेस्ट बैंक पर फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा पहले से ही औसत स्तर से ऊपर बढ़ रही थी। हमास द्वारा 7 अक्टूबर के हमलों के बाद से, वेस्ट बैंक में कम से कम 140 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, उनमें से कई इजरायली बलों द्वारा या स्थानीय अधिकारियों द्वारा समर्थित बसने वालों के हमलों में मारे गए हैं।
क्या गाजा का हाल वेस्ट बैंक जैसा होगा? बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में ‘हमास को नष्ट’ करने की कसम खाई है, तो सवाल बना हुआ है, कि इजरायल द्वारा गाजा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के बाद क्या होगा? विशेषज्ञों का कहना है, कि यह एक खुला प्रश्न बना हुआ है। पूर्व इजरायली एनएसए ओर्ना मिजराही ने एनपीआर को बताया, कि “अगर आप हमास की जगह लेना चाहते हैं, तो उसके बाद कौन आने वाला है? ‘परसों’ क्या होने वाला है? तो यह एक बड़ा सवाल है।
इज़राइल के नेशनल सिक्योरिटी स्टडी संस्थान के मिज़राही ने कहा, कि “मुझे यकीन नहीं है, कि फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण इज़राइल के पीछे आना चाहेगा।” फिलिस्तीनी प्राधिकरण, 2007 के बाद से गाजा पट्टी में कोई फैक्टर नहीं रहा है, क्योंकि 2006 के चुनाव में हमास ने जीत हासिल की थी और उसके बाद से हमास ने गाजा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया था। पूर्व जनरल और इज़राइल एनएसए याकोव अमिड्रोर ने एनपीआर को बताया, कि “हमने लेबनान में कठिन तरीके से सीख ली है।” उन्होंने कहा, कि “हम किंगमेकर नहीं बन सकते। आप बाहर से आकर यह तय नहीं कर सकते, कि फ़िलिस्तीनी सरकार कौन होगी। उन्हें निर्णय लेना होगा। ये उन्हें चुनाव करना होगा।” हालांकि, गाजा के लिए इजरायली सरकार की लीक हुई योजना ने उसकी सोच के बारे में कुछ संकेत दिए हैं। इस योजना के तहत, इजराइल सरकार की कोशिश गाजा का नियंत्रण भी फिलीस्तीनी प्राधिकरण को सौंपना है, जो पहले भी गाजा का शासन चला चुका है, और जो हिंसा को नकारता है, इजराइल के अस्तित्व को स्वीकार करता है और जो टू स्टेट सॉल्यूशन के रास्ते आगे बढ़ना चाहता है।
हालांकि, इजराइली दस्तावेज़ में इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, कि गाजा की आबादी ख़त्म हो जाने के बाद उसका क्या होगा? फिलिस्तीनियों की आधिकारिक WAFA समाचार एजेंसी के अनुसार, फिलीस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति अब्बास ने कहा है, कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण केवल इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के “व्यापक राजनीतिक समाधान” के हिस्से के रूप में गाजा में सत्ता संभालेगा। लेकिन, दिक्कत ये है, कि अब्बास ख़ुद फ़िलिस्तीनियों के बीच काफी अलोकप्रिय हो चुके हैं। उन्होंने गाजा पर इजरायल की बमबारी को “नरसंहार युद्ध” बताते हुए इसकी निंदा की और एनपीआर ने अब्बास के हवाले से कहा, कि “मैं इजरायली टैंक के ऊपर (गाजा) नहीं लौटूंगा।” लेकिन, सवाल यही बना हुआ है, कि क्या नेतन्याहू गाजा में भी बसने वालों की वही नीति अपनाएंगे, जैसी उन्होंने वेस्ट बैंक के साथ अपनाई है? ये देखने वाली बात होगी।