Chandigarh-Punjab Taxi Operators News: चंडीगढ़-पंजाब टैक्सी ऑपरेटर्स ने हिमाचल का बॉयकॉट करने के बाद अब सीमा बंद करने की चेतावनी दी है. टैक्सी ड्राइवर टैक्स बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
Himachal Pradesh News: पहाड़ों का दीदार करने के लिए आने वाले पर्यटकों की परेशानी बढ़ सकती है. 15 अक्टूबर को चंडीगढ़-पंजाब (Chandigarh-Punjab) के टैक्सी ऑपरेटरों ने हिमाचल प्रदेश की सीमाएं बंद करने की चेतावनी दी हैं. इस चेतावनी से न केवल पर्यटकों की परेशानी बढ़ रही है, बल्कि राज्य सरकार भी इससे चिंता में आ चुकी है. हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) ने बाहरी राज्यों की टैक्सी और टूरिस्ट बसों पर टैक्स में बढ़ोतरी की है. इससे नाराज गुजरात (Gujarat) और कोलकाता (Kolkata) के ट्रैवल एजेंट पहले ही हिमाचल प्रदेश का बॉयकॉट कर चुके हैं और अब चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर ने हिमाचल प्रदेश की सीमाएं बंद करने की चेतावनी दी हैं.
इन टैक्सी ऑपरेटर का कहना है कि सरकार की ओर से भारी बढ़ोतरी की वजह से उन्हें नुकसान हो रहा है. इसकी वजह से वह हिमाचल प्रदेश पर्यटकों को घूमने के लिए नहीं ला रहे हैं. आजाद टैक्स यूनियन चंडीगढ़-पंजाब के अध्यक्ष शरनजीत कलसी ने बताया कि यूनियन ने हिमाचल प्रदेश आने वाले पर्यटकों की बुकिंग लेना बंद कर दिया है. यही नहीं, एडवांस बुकिंग तक को कैंसिल करवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ और पंजाब के सभी टैक्सी, टेंपो और बस संचालक हिमाचल प्रदेश का बॉयकॉट कर रहे हैं. उन्होंने मांग उठाई है कि सरकार ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाहनों पर टैक्स को खत्म करें. अगर सरकार इस टैक्स को खत्म नहीं करती है, तो 15 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर बंद किए जाएंगे.
सीएम सुक्खू से नहीं हो सकी मुलाकात
शरजीत कलसी ने बताया कि टेंपो और बस से एक दिन का छह हजार रुपये तक टैक्स लिया जा रहा है, यह सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया परमिट वाली गाड़ियां पहले ही सरकार को टैक्स दे चुकी होती हैं. ऐसे में दोहरा टैक्स लेना तर्कसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के इस फैसले की वजह से चंडीगढ़-पंजाब के टैक्सी ऑपरेटर कश्मीर, नैनीताल और ऊटी जैसे पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को ले जा रहे हैं. वह हिमाचल नहीं आना चाहते, क्योंकि यहां आना उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है. कलसी ने बताया कि वे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करने के लिए भी आए थे, लेकिन यह मुलाकात नहीं हो सकी. उन्हें कई घंटे तक दफ्तर में बैठ कर रखा गया और मजबूरन अब उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है.
हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री को झेलना होगा नुकसान
वहीं, शिमला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने बताया है कि यहां आने वाले पर्यटक टैक्सी के जरिए ही यहां पहुंचते हैं. पहले ही गुजरात के ग्रुप टूरिज्म ने हिमाचल का बॉयकॉट किया हुआ है. अब ऐसे में अगर चंडीगढ़-पंजाब की टैक्सी भी हिमाचल नहीं आएगी, तो इससे टूरिज्म इंडस्ट्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने बताया कि आपदा की वजह से पहले ही हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबारी पूरी तरह प्रभावित हुए हैं और अब बॉयकॉट की वजह से कारोबारी को और अधिक नुकसान झेलना पड़ेगा. हालांकि, हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से अभी बातचीत का दरवाजा बंद नहीं हुआ है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार टैक्सी ऑपरेटरों को वार्ता के लिए बुलाएगी और 15 अक्टूबर को बॉर्डर बंद करने की यह चेतावनी चंडीगढ़-पंजाब टैक्सी यूनियन वापस लेंगे.