Reason breaking alliance BJP and AIADMK: तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक ने भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ अपना रिश्ता खत्म कर लिया है। पार्टी के उपसमन्वयक केपी मुनुसामी ने इसका आधिकारिक एलान किया।
लोकसभा 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा को आज जोर का झटका लगा है। दरअसल तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी AIADMK ने NDA से बाहर निकलने का एलान कर दिया है। पार्टी के इस कदम से एत तरफ जहां भाजपा को जोर का झटका लगा है। वहीं, AIADMK के समर्थकों ने पार्टी के इस फैसले का पटाख फोड़ के जश्न मनाया है। बता दें कि राज्य में 2021 में दोनों दलों के बीच गठबन हुआ था। अब आइए जानते है AIADMK ने
क्या कहते हुए गठबंधन तोड़ा है।
भाजपा पर लगाया आरोप
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक ने भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ अपना रिश्ता खत्म कर लिया है। पार्टी के उपसमन्वयक केपी मुनुसामी ने इसका आधिकारिक एलान किया। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक ने बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया।
अन्नाद्रमुक आज से भाजपा और एनडीए गठबंधन से सभी संबंध तोड़ रही है। भाजपा का राज्य नेतृत्व लगातार पिछले एक साल से हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस और हमारे कैडर के बारे में अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है।
2024 का चुनाव सहयोगियों के साथ लड़ेगी AIADMK
केपी मुनुसामी ने यह भी कहा, “AIADMK 2024 का चुनाव अपने सहयोगियों के साथ लड़ेगी। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए AIADMK कीं प्रवक्ता शशिरेखा ने कहा कि सदस्यों की राय के आधार पर हम यह प्रस्ताव लाए। यह (हमारे लिए) सबसे खुशी का क्षण है। हम आगामी चुनावों (अपने दम पर) का सामना करने के लिए बहुत खुश हैं, चाहे वह संसदीय हो या विधानसभा। हालांकि लोगों को ये बात आसानी से हजम नहीं हो रहा है कि बिना किसी अनबन के AIADMK ने इतना बड़ा फैसला कैसे ले लिया?
भाजपा के बढ़ते प्रभाव से घबरा गई है AIADMK
राजनीति के जानकार बताते है कि सिर्फ एक दूसरे पर टिप्पणी से नाराज होकर AIADMK ने NDA का साथ छोड़ दिया ये बेहद बचकानी बात होगी। दरअसल, इसके पिछे कारण बताया जा रहा है कि AIADMK तमिलनाडु राज्य में BJP के बढ़ते प्रभाव से घबरा गई है। वह नहीं चाहती कि भाजपा को राज्य में किसी भी तरह की बढ़त मिली।
अगर हम ध्यान दे तो तमिलनाडु की राजनीति भी राजस्थान की तरह ही है वहां कभी DMK तो कभी AIADMK की सत्ता रहती है ऐसे में दोनों पार्टियों में से कोई भी तीसरी पार्टी के लिए जगह नहीं बनाने देना चाहती। इसका एक उदाहरण है उदयनिधी स्टालिन के सनातन को लेकर दिए गए बयान के बाद हुए विवाद पर भाजपा ने राज्य में अपने लिए माहौल खड़ा किया।
अन्नामलाई भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के लायक नहीं
डी जयकुमार ने ये भी कहा था कि अन्नामलाई भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के लायक नहीं हैं। बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने बीते दिनों राज्य के धार्मिक मामलों के मंत्री पीके शेखर बाबू के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। जिस कार्यक्रम में उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी की थी, उस कार्यक्रम में पीके शेखर बाबू भी मौजूद थे।